अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस : बेहद खास थीम के साथ मनाया जा रहा आज ..

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खास खबर, गौरव शर्मा। एक बार अपने संबोधन में स्वामी विवेकानन्द ने युवा शक्ति को संबोधित करते हुए कहा था कि- ‘समस्त शक्तियां तुम्हारे अन्दर हैं, तुम कुछ भी कर सकते हो और सब कुछ कर सकते हो, यह विश्वास करो। मत विश्वास करो कि तुम दुर्बल हो। तत्पर हो जाओ। जीर्ण-जीर्ण होकर थोड़ा-थोड़ा कर मरने की बजाय वीर की तरह दूसरों के कल्याण के लिए लड़ कर उसी समय मर जाना क्या अच्छा नहीं है?’’ स्वामी जी के इन शब्दों को पढ़कर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि किसी भी देश की प्रगति और देश के कल्याण के लिए युवाओं का सशक्त होना बेहद जरूरी है। अगर ऐसा होता है तो किसी भी देश की समृद्धि एवं प्रगति निश्चित है। और जब सभी देश समृद्धि और प्रगति की राह पर आगे बढ़ेंगे तो पूरा विश्व वसुदैवकुटुंबकम की राह पर एक परिवार एक समाज की तरह शांति से रह सकेगा।

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पहली बार कब और क्यूं मनाया गया?


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Harpreet Kaur