ममता बनर्जी की कुर्सी पर मंडरा सकता है खतरा, जानें इसके पीछे का बड़ा कारण

Pooja Khodani
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ममता बनर्जी

कोलकता, डेस्क रिपोर्ट। विधानसभा चुनाव (west bengal assembly elections) के बाद से ही पश्चिम बंगाल  में सियासी उठापठक का दौर जारी है। कभी विधायकों के इस्तीफे तो कभी नेताओं के दलबदल का सिलसिला चर्चाओं में बना हुआ है। मुकुल रॉय की बढ़ती मुश्किलें और वित्त मंत्री अमित मित्रा के इस्तीफे की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की कुर्सी पर खतरा मंडरा सकता है। इसका कारण मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें 6 महीने के अंदर यानी 4 नवंबर के तक विधानसभा का सदस्य बनना अनिवार्य है, हालांकि TMC के आग्रह पर चुनाव आयोग ने जल्द उपचुनाव कराने को हरी झंड़ी दे दी है। लेकिन आशंका जताई जा रही है कि अगर तीसरी लहर की दस्तक हुई तो चुनाव टाले भी जा सकते है, ऐसे में ममता को पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है।

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दरअसल, हाल ही में हुए पश्चिम बंगाल  विधानसभा चुनाव (west bengal assembly elections) में मुख्यमंत्री  बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा सीट से बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी (Subhendu Adhikari) से हार गई थी, लेकिन बावजूद इसके ममता बनर्जी ने 4 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, ऐसे में  संविधान किसी व्यक्ति को राज्य विधायिका या संसद के दो सदनों के लिए चुने बिना केवल छह महीने तक मंत्री पद पर रहने की अनुमति देता है। यह अनिवार्य करता है कि एक मंत्री को, जो लगातार छह महीने तक विधायिका का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर पद से हटना होगा, इसलिए यह जरूरी है कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लिए 4 नवंबर तक विधानसभा का सदस्य बनना अनिवार्य है।

इधर,  टीएमसी पार्टी नेता गुरुवार को नई दिल्ली में चुनाव आयोग (Election Commission) के दफ्तर पहुंचे और खाली हुई सीटों पर जल्द उपचुनाव (By-election) कराने की मांग की है।TMC को डर है कि यदि कोरोना महामारी की तीसरी लहर (Corona Third Wave) आ गई तो उपचुनाव में देरी हो सकती है और ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। हालांकि चुनाव आयोग ने टीएमसी की चिंता को देखते हुए जल्द चुनाव कराने की मांग को मंजूरी दे दी है। उम्मीद की जा रही है कि चुनाव आयोग जल्द चुनाव करवा सकता है, वही चुनाव आयोग को ये चुनाव सिंतबर से पहले कराने होंगे, क्योंकि मीडिया रिपोट्स के मुताबिक अगर अगस्त-सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक हो गई तो चुनावों को टाला भी जा सकता है, ऐसे में ममता को इस्तीफा देना पड़ सकता है।

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बता दें कि पश्चिम बंगाल में खड़दह, समशेरगंज, जंगीपुर, शांतिपुर, भवानीपुर, दिनहाटा और गोसाबा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। नंदीग्राम में पराजित होने के बाद सीएम ममता बनर्जी अब भवानीपुर से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं, इसके लिए हाल में ममता बनर्जी के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर विधानसभा सीट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।वह विधानसभा सीट भी रिक्त है, ऐसा माना जा रहा है कि सीएम भवानीपुर (Bhawanipur assembly seat) से ही उपचुनाव लड़ेंगी।वर्तमान में टीएमसी को विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल है और ऐसे में उसे सिर्फ भवानीपुर में जीत पक्की करनी है, ऐसे हुआ तो ममता की कुर्सी पर मंडराता खतरा टल सकता है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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