महाराष्ट्र, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार भी महाराष्ट्र में इस साल जन्माष्टमी के मौके पर दही हांडी का सालाना कार्यक्रम नहीं होगा। खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के मंडलों से अपील की है कि मानवीयता के आधार पर वह लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और ऐसे आयोजनों से दूर रहे जिसमें भीड़ एकत्रित हो। सी एम उद्धव ठाकरे ने मंडल अधिकारी के साथ हुई मीटिंग में कहा कि कोरोना महामारी के चलते लोग अभी भी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
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महाराष्ट्र में मंडल और गोविंदा समूहों ने राज्य सरकार से गुजारिश की थी कि छोटे पैमाने पर ही सही दही हांडी कार्यक्रम के लिए उन्हें अनुमति दें, क्योंकि प्रैक्टिस सेशन पहले से ही आरंभ हो चुके हैं। पिछले हफ्ते राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ मीटिंग में दही हांडी को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने कहा था कि वे लोग दही हांडी के लिए तीन से चार स्तरीय पिरामिड ही बनाएंगे और पूर्ण टीकाकरण करा चुके लोग ही कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। राज्य सरकार ने कार्यक्रम को लेकर गाइडलाइन जारी की है, इसमें गणेश प्रतिमा की ऊंचाई के लिए भी मानक तय किया गया है।राज्य सरकार ने अपनी गाइडलाइन में कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर लगाई जाने वाली प्रतिमाओं की ऊंचाई चार फीट से ज्यादा नहीं होगी। वहीं घर पर दो फीट से ज्यादा ऊंचाई की प्रतिमा नहीं स्थापित की जाएगी। आरती के लिए भीड़ लगाने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही राज्य सरकार ने जुलूस निकालने की भी परमिशन नहीं दी है। दस दिवसीय गणपति फेस्टिवल 10 सितंबर से शुरू होगा।