Toll tax Rate: अब राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग करने के लिए वाहन चालकों को अधिक भुगतान चुकाना होगा। दरअसल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने देश भर के तमाम टोल टैक्स पर टोल टैक्स की दरों में 5% की बढ़ोत्तरी करने का फैसला लिया है। पहले यह 1 अप्रैल से लागू होने वाली थी लेकिन चुनाव के चलते इसे आगे बढ़ा दिया गया था। जानकारी के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक और मुद्रास्फीति को देखते हुए शुल्क बढ़ाया गया है। 855 ऐसे टोल प्लाजा है जिन पर राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 के अनुसार चार्ज वसूला जाता है।
कहां कितना बढ़ा टैक्स
मेरठ से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे होते हुए गाजियाबाद या करनाल हाईवे से शामली जाने वाले वाहन चालकों को ज्यादा टोल टैक्स देना होगा। मेरठ से सराय काले खां तक 160 रुपए की जगह अब 165 रुपए लगेंगे। 24 घंटे में दोनों तरफ का 230 रुपए की जगह अब 250 रुपए लगेगा। मेरठ करनाल हाईवे पर शामली होते हुए करनाल जाने के लिए पांच से दस रुपए ज्यादा देने होंगे। अलग-अलग श्रेणी के वाहनों के लिए अलग-अलग दर तय की गई है।
प्रयागराज से वाराणसी और कौशांबी से प्रतापगढ़ जाने का सफर भी महंगा हो चुका है। छोटे वाहनों को 5 से 7 रुपए प्रति किलोमीटर और भारी वाहनों को प्रतिशत 30 रुपए प्रति किलोमीटर ज्यादा शुल्क चुकाना होगा। कानपुर प्रयागराज हाईवे के बीच सबसे ज्यादा टैक्स बढ़ा है। यहां पर फतेहपुर के बड़ौरी टोल प्लाजा पर 55 रुपए और कटोघन पर 40 रुपए ज्यादा देने होंगे।
बढ़ेगा आर्थिक बोझ
टोल फ्री में जो वृद्धि होती है उसे राष्ट्रीय राजमार्गों को तो विस्तार में मदद मिलती है लेकिन यात्रियों पर इसका आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। आवश्यक वस्तुओं के परिवहन की लागत भी बढ़ जाती है यही कारण है कि परिवहन सेवा से जुड़े संगठन और राजनीतिक दल टोल शुल्क में वृद्धि होने की हमेशा से आलोचना करते आए हैं।
इतनी है राजमार्ग की लंबाई
भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 1,46,000 किलोमीटर है। जो दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक सड़क नेटवर्क कहलाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग का साल 2018-19 का टोल संग्रह 25000 करोड रुपए था। साल 2022-23 में यह 54000 करोड़ पर पहुंच गया था और अब टोल टैक्स बढ़ने के बाद यह कीमत और भी ज्यादा हो जाएगी।