कंगना के “आजादी” वाले बयान पर भड़के वरुण गांधी, बोले – इसे मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह?

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) इस बार “आजादी” पर बयान देकर फिर चर्चा में हैं।  एक कार्यक्रम में कंगना ने कह दिया कि 1947 में मिली आजादी, आजादी नहीं थी वो भीख थी ,  मिली है वो 2014 में मिली है।  कंगना के इस बयान पर भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) भड़क गए हैं उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया है कि – इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह?

एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में पहुंची फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक ऐसा बयान दिया है जिसपर विवाद शुरू हो गया है। कंगना ने देश की आजादी को लेकर जो बयान दिया है उसे लोग स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान बता रहे हैं।

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दरअसल कंगना रनौत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वीर सावरकर, रानी लक्ष्मी बाई, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की बात करूँ तो ये सब लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन याद रहे कि हिंदुस्तानी – हिंदुस्तानी का खून नहीं बहाये। उन्होंने इसकी कीमत चुकाई लेकिन वो आजादी नहीं थी वो भीख थी और जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली है।

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कंगना के बयान पर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कड़ी आपत्ति जताई है, उन्होंने ट्वीट किया – कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह?


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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