Waqf Board: मोदी सरकार की तैयारी, वक्फ एक्ट में किया जा सकता है संशोधन, संसद में कल हो सकता है बिल पेश

Waqf Board: एक बार फिर मोदी सरकार एक बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार का यह निर्णय वक्फ बोर्डों के अधिकारों पर नियंत्रण स्थापित करने से संबंधित होगा।

Rishabh Namdev
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Waqf Board: जल्द ही मोदी सरकार एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है। यह निर्णय वक्फ बोर्डों के अधिकारों पर नियंत्रण स्थापित करने से संबंधित होगा। दरअसल बीते शुक्रवार को मोदी कैबिनेट की बैठक में वक्फ बोर्ड के अधिकारों और उनमें 40 से अधिक संशोधनों पर विचार किया गया। वहीं खबरों के अनुसार, सरकार वक्फ बोर्डों के उस अधिकार पर नियंत्रण चाहती है, जिसके तहत वे किसी भी संपत्ति को अपना घोषित कर सकते हैं।

किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने की शक्ति पर लगेगा नियंत्रण

असल में, मोदी सरकार वक्फ एक्ट में महत्वपूर्ण बदलाव करने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में लगभग 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने की शक्ति पर नियंत्रण लगाने की सोच रही है। प्रस्तावित संशोधनों के तहत, वक्फ बोर्डों द्वारा संपत्तियों पर किए गए दावों की अनिवार्य जांच की जाएगी। विवादित संपत्तियों के मामले में भी सत्यापन अनिवार्य होगा। सूत्रों का कहना है कि वक्फ एक्ट में संशोधन के लिए एक बिल अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है।

भाजपा के लिए 5 अगस्त का दिन बहुत महत्वपूर्ण

सूत्रों की मानें तो, सरकार 5 अगस्त को संसद में वक्फ एक्ट में संशोधन से संबंधित बिल को प्रस्तुत कर सकती है। दरअसल यह दिन मोदी सरकार के लिए विशेष महत्व रखता है। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को हो सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का बिल संसद में पेश किया गया था, और 5 अगस्त 2020 को ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भूमि पूजन किया गया था।

दरअसल वक्फ बोर्डों की बात करें तो बोर्ड के पास लगभग 8.7 लाख संपत्तियां हैं। जानकारी के अनुसार 2013 में जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी तो उस समय कांग्रेस ने वक्फ एक्ट में संशोधन कर वक्फ बोर्डों को अतिरिक्त अधिकार प्रदान किए थे। जिसके बाद, वक्फ बोर्ड अपनी घोषित संपत्तियों के अधिकार को लेकर विवाद उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे भूमि के वास्तविक मालिकों को अदालत में लंबा संघर्ष करना पड़ता है।

दुरुपयोग को रोकने के लिए जिला मजिस्ट्रेटों की निगरानी शामिल करने पर भी विचार

बता दें कि केंद्र सरकार ने पहले ही राज्यों में वक्फ बोर्डों के व्यापक अधिकारों और संपत्तियों के सर्वे में होने वाली देरी को लेकर चिंता जताई है। सरकार ने वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जिला मजिस्ट्रेटों की निगरानी शामिल करने पर भी विचार किया है। वहीं वक्फ बोर्ड के फैसलों के खिलाफ अपील केवल अदालत में की जा सकती है, लेकिन इन अपीलों पर निर्णय लेने की कोई निश्चित समय-सीमा नहीं होती। हालांकि अदालत का निर्णय ही अंतिम निर्णय होता है, और हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) के अलावा अन्य अपीलों का प्रावधान नहीं है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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