Nirav Modi Extradition: भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी अब भारत प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट में कोई भी याचिका नहीं लगा सकेगा। लंदन हाईकोर्ट की ओर से नीरव को सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की राहत देने से इंकार कर दिया गया है। लंदन हाईकोर्ट के प्रत्यर्पण आदेश के बाद भी वह सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहता था लेकिन अब अर्जी खारिज होने के बाद उसे भारत लाने की प्रक्रिया आसान हो चुकी है।
इसके पहले नीरव मोदी ने भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ एक अपील की थी जिसे हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच ने खारिज कर दिया था। इस अपील में नीरव मोदी ने कहा था कि उसकी दिमाग की हालत खराब है इसलिए उसे भारत ना भेजा जाए वरना वो कोई गलत कदम उठा सकता है।
नीरव मोदी की अपील में बोली गई इन बातों के बारे में कोर्ट का कहना था कि यह सभी गैर जरूरी बातें हैं। भारत में उसके आत्महत्या किए जाने का कोई भी जोखिम नहीं है क्योंकि वहां उसे सुरक्षा के साथ रखा जाएगा। उसने कहा था कि कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बनाने के लिए उसे भारत भेजा जाना चाहिए। बता दें कि नीरव मोदी पीएनबी बैंक घोटाले का प्रमुख आरोपी है, फिलहाल वह लंदन की जेल में बंद है।
लंबे समय से हो रही प्रत्यर्पण की कोशिश
नीरव मोदी को भारतीय अधिकारी के साथ धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और सबूतों को नष्ट करने के साथ गवाहों को डराने के आरोपों को सही साबित करने के लिए लंबे समय से भारत लाने की कोशिश की जा रही है। 13 हजार करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले के इस मामले में सीबीआई जांच में जुटी हुई है। सीबीआई अंडरटेकिंग (एलओयू) और ऋण समझौते के माध्यम से की गई धोखाधड़ी की जांच कर रही है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय भी धोखाधड़ी की आय पर जांच कर रहा है।