हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स (Mpox) के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे वैश्विक आपातकाल घोषित किया है। दरअसल एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता था, अब तक 13 देशों में तेजी से फैल चुका है और इससे 14,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 542 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। WHO के इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि स्थिति अत्यधिक गंभीर है और इससे निपटने के लिए एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकजुट प्रयासों की जरूरत है।
दरअसल यह दूसरी बार है जब WHO ने एमपॉक्स (पहले मंकीपॉक्स) को वैश्विक आपातकाल घोषित किया है। बता दें कि 2022 में, मंकीपॉक्स ने विश्वभर में फैलते हुए 116 देशों में एक लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया था और 200 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई थी। वहीं इस बार भी, एमपॉक्स का प्रसार और भी गंभीर हो चुका है, विशेषकर अफ्रीका में, जहां इस वायरस का एक नया प्रकार उभर कर सामने आया है।
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— World Health Organization (WHO) (@WHO) August 14, 2024
जानकारी के अनुसार WHO का मानना है कि एमपॉक्स का यह नया प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और इसे नियंत्रित करने के लिए तत्काल और समन्वित प्रयासों की जरूरत है। हम सभी देशों से अपील करते हैं कि वे इस समस्या को गंभीरता से लें और आवश्यक कदम उठाएं।
इन देशों में हैं पैर पसार रहा मंकीपॉक्स
दरअसल अफ्रीकी महाद्वीप के कई देशों में एमपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कांगो, बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा जैसे देशों में इस वायरस का एक नया और अधिक संक्रामक और घातक प्रकार फैल रहा है। यह स्थिति इन देशों के लिए बेहद चिंताजनक है, क्योंकि यहां एमपॉक्स के टीके की उपलब्धता बहुत सीमित है। इसलिए, इस बीमारी को रोकने के लिए तत्काल और व्यापक कदम उठाने की जरूरत है।
क्या हैं मंकीपॉक्स?
बता दें कि एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर फैलती है। इसके प्रमुख लक्षणों में हल्का बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और शरीर पर मवाद से भरे घावों के रूप में दाने निकलना शामिल है। ये दाने अधिकतर चेहरे, हाथों और पैरों पर दिखाई देते हैं। यदि समय पर इसका इलाज न हो, तो बीमारी की स्थिति गंभीर हो सकती है। एमपॉक्स का संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क, दूषित सतहों और संक्रमित जानवरों के जरिए फैलता है।