मुरैना पहुंचे कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष, कहा- बिकाऊ माल का जनता करेगी विसर्जन

Gaurav Sharma
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मुरैना, संजय दीक्षित। जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित कार्यकर्ता मीटिंग में आए प्रदेश उपाध्यक्ष संजय मसानी और राकेश मावई (जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी मुरैना) ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि जिले के दौरा किया गया है। मुरैना कार्यकर्ताओं का सम्मेलन हो गया है। उसके बाद दिमनी का कार्यक्रम किया जाएगा फिर शुक्रवार को सुमावली और उसके बाद जोरा में कार्यक्रम किया जाएगा।

5 तारीख को ग्वालियर का कार्यक्रम किया जाएगा, जिसमे सभी छह विधानसभा सीटों का कार्यक्रम किया जाएगा । कार्यकर्ताओं से रूबरू होते हुए सवाल जबाब करेंगे। पार्टी अपने विचार लेकर जा रही है इन 15 महीने में हमने क्या किया है? यह किसी से छुपा नहीं है। चाहे किसानों के कर्ज माफी को लेकर हो या पेंशन को लेकर जनता के सामने जाएंगे।

किसानों का कर्जा कांग्रेस सरकार ने माफ किया है।इसका रिकॉर्ड सरकार के पास भी है और शासन के पास भी है ।अखबारों में भी छापा गया था। बीजेपी के विपक्ष में थी तब भाजपा वाले कहते थे कि कर्जा माफ नहीं हुआ, तो हमने 27 लाख रुपए लोगों का कर्जा माफ किया है। 51 लाख लोगों की सूची निकाली थी। शपथ ग्रहण होते ही सबसे पहले कमलनाथ ने मंच से कर्जा माफ की फाइल पर हस्ताक्षर किए थे। उसके बाद सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए गए थे कि अपने अपने क्षेत्रों के किसानों का कर्जा माफ करने वाली सूची भेजें। जिसकी सूची कलेक्टरों के द्वारा दी गई थी।

हमने कहा था कि 2 लाख तक का किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। उसके बाद जिस प्रकार से सरकार को गिराया गया हम लोग दिन पर दिन आगे बढ़ रहे थे। सब जगह सरकार की चर्चा हो रही थी। भारतीय जनता पार्टी 15 साल तक रोजगार नहीं दे पाई। हम जो युवा बेरोजगार थे उनको पहले हमने चार हज़ार देंगे, जब तक उनको रोजगार नहीं मिलेगा। जिस दिन उनको रोजगार मिलेगा, तब हम बन्द कर देंगे।

जयंत मलैया ने कहा कि खजाना खाली है उसके बाद भी हमने 27 लाख किसानों का कर्जा माफ किया और बेरोजगारी वाली प्रक्रिया को आगे बढ़ाया ।उसके बाद हमने कहा था कि ₹300 से 1000 रुपए पेंशन देंगे। भाजपा की सरकार ने कन्यादान योजना का 18,000 से शुरुआत की थी और 21,000 से और उसके बाद 26,000 पर ले गए थे। हमने आते ही ₹51,000 किया। कांग्रेस पार्टी का तो एक ही हीरो है और एक ही स्टार है ।

इस पार्टी में उम्मीदवारों की कोई कमी नहीं है। कार्यकर्ताओं को ही विधायक बनाया था। वह चले गए तो क्या हुआ उनका विसर्जन भी जनता कर देगी, जैसे गणेश जी का विसर्जन हुआ है। दिमनी में एक मंत्री को गांव में घुसने नहीं दिया। अभी गांव गांव में पोस्टर लगने वाले हैं बैनर लगने वाले हैं कि बिकाऊ माल का विसर्जन नहीं होगा। इसके बाद पत्रकारों के एक सवाल में उन्होंने कहा कि जो हमारी विचारधारा से जुड़ेगा, जनता ने विधायक को 5 साल के लिए चुना था लेकिन जनता के वोट के अधिकार को बेचकर उनको अपमानित कर बीजेपी पार्टी में चले गए । जो हमारी विचारधारा से जुड़ेगा उसका हम स्वागत करेंगे ।हमारी पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है ,हम सब एक है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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