बीडीसीए के अध्यक्ष पूर्व विधायक मुकेश सिंह चतुर्वेदी ने प्रशिक्षु क्रिकेटरों को बांटी जर्सियां

Gaurav Sharma
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भिण्ड, गणेश भारद्वाज। खिलाड़ी अपना लक्ष्य निर्धारित करें और कठोर परिश्रम के द्वारा खुद को सिद्ध करें औऱ लक्ष्य प्राप्ती के लिए तन मन को समर्पित करने और एकाग्रचित्त होना बहुत आवश्यक है। यह बात चौधरी दिलीप सिंह लॉ कॉलेज परिसर में बीडीसीए के क्रिकेट प्रशिक्षण केंद्र पर गर्म कपड़े वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीडीसीए के अध्यक्ष पूर्व विधायक मुकेश सिंह चतुर्वेदी ने कही। इस अवसर पर क्रिकेट कोच रवि कटारे, बीडीसीए के सह सचिव मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

बीडीसीए के इस मैदान पर आयोजित जर्सी वितरण कार्यक्रम में करीब 50 नवोदित क्रिकेटरों को जर्सी बांटी गई। श्री चौधरी के द्वारा खिलाड़ियों को एक बोलिंग मशीन देने की भी घोषणा की गई। साथ ही हर खिलाड़ी को अपना मोबाइल नम्बर देते हुए कहा कि कभी भी किसी भी खेल सामग्री की जरूरत हो तो सीधे वे उनको अवगत कराएं।

कार्यक्रम को आगे संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि किसी भी विधा में पारंगत होने के लिए अपने लक्ष्य को निर्धारित करना चाहिए और अपना तन मन उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समर्पित कर देना चाहिए। वर्तमान में देखने में आता है कि बच्चे किशोर और युवक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के प्रति ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। हमें मोबाइल टीवी इत्यादि से समुचित दूरी बनानी चाहिए। कहीं ना कहीं वो आपके लक्ष्य प्राप्ति में बाधक बन जाते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ी को सदैव अपने कोच को भगवान मानकर उससे सीखना चाहिए। अच्छे खिलाड़ी में अच्छे संस्कारों का होना भी अति आवश्यक माना गया है। कार्यक्रम को डीडीसीए के सह सचिव आनंद द्विवेदी ने भी संबोधित किया कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी गणेश भारद्वाज के द्वारा किया गया और आभार प्रदर्शन क्रिकेट कोच रवि कटारे के द्वारा किया गया।

इस अवसर पर नवोदित क्रिकेट खिलाड़ियों के अलावा भा जा पा के मंडल के अध्यक्ष राजवीर सिंह गुर्जर और अमन मंडल के अध्यक्ष तेज बहादुर सिंह ,प्रोफेसर सुनील त्रिपाठी नटराजन बाजपेई, बहुआ ग्राम पंचायत के सरपंच बृजेश दंडोतिया, ब्रह्म कुमार दुबे, उदय भान सिंह, जितेंद्र पुरोहित, कल्लू दैपुरिया व रामवीर सिंह सहित कई गणमान्यजन मौजूद रहे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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