पुलिस ने किया हत्याकांड का खुलासा, बदले की आग में कर दी किसान की हत्या, चार आरोपी गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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खंडवा, सुशील विधाणी। जिले से 20 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत हापला-दीपला में किसान शरीफ पिता मंगू की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। जिसके बाद इस मामले को लेकर दो समुदायों में लगातार तनाव बढ़ता जा रहा था। वहीं पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए गांव में सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर दिया था, जिसके बाद चार आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए है। जिसमें हत्या की वारदात को अंजाम देने वाला मास्टर माइंड गांव का ही एक शख्स निकला है।

इस हत्या का खुलास करने के लिए पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कई पहलुओं पर जांच कर एक टीम गठित की थी। जांच में सामने आया कि किसान शरीफ पिता मंगू की हत्या चार लोगों ने मिलकर की थी, जिनका पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने चारों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

ये है पूरा मामला

दरअसल 15 नवंबर को आसिफ पिता शरीफ मंसूरी मुसलमान ने थाना कोतवाली पहुंचकर सूचना दी कि उनके पिता रात करीब 12.30 बजे से खिडगोंव के आगे खेत में पानी डालने गए थे, जिसके बाद सुबह सूचना मिली की उनका शव खेत के पास पड़ा है। मृतक के बेटे ने बताया कि उनके पिता शरीफ के मुंह और सिर पर चोट लगी थी, जहां से खून निकला हुआ था, साथ ही दांत भी टूटकर पड़े हुए थे। सूचना के बाद थाना कोतवाली पुलिस ने धारा 86/20 और 174 जा.फौ. के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू किया था। इसके अलावा जांच के बाद पुलिस ने धारा 796/20, 302 भादवि के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था।

ऐसे हुआ हत्या का खुलासा

घटना की सूचना खंडवा पुलिस अधीक्षक खंडवा विवेक सिंह को मिलते ही तत्काल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर खंडवा सीमा अलावा और नगर पुलिस अधीक्षक खंडवा ललित गठरे के मार्ग दर्शन में हत्या के आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम गठित की। घटना स्थल का बारिकी से एफएसएल अधिकारी खंडवा डॉक्टर विकास मुजाल्दा के साथ टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। जिसमें मृतक के शरीर पर धारदार हथियार के गंभीर चोट के निशान पाए गए थे।

मुखबीर की सूचना से मिली सफलता

मामले में मुखबीर की सूचना पर ग्राम हापला के कुछ संदिग्ध लोगों द्वारा उक्त हत्या करना पाया गया। जिसके बाद पुलिस ने संदिग्धों को अभिरक्षा में लेकर गहन पूछताछ की। वहीं पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने हत्या की वारदात को अंजाम देना कबूल कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त धारदार हथियार, देशी पिस्टल, जिन्दा कारतूस, चैन स्पाइकेट लगा लोहे का फरसा, खून लगे कपड़े और मोबाइल जब्त किया है।

हत्या का कारण

ग्राम हापला-दीपला में पहले हुए दो समुदाय के बीच विवाद में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी, जिसका बदला लेने के उदेश्य से किसान शरीफ की हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए थाना कोतवाली पुलिस की टीम को पुलिस अधीक्षक द्वार पुरूस्कृत किया जाएगा।

क्या था मामला…..

हापला पंचायत के दीपला गांव में दीपावली की रात एक किसान पर धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी। मृतक की शिनाख्त शरीफ पिता मंगू मंसूरी (49) निवासी हापला के रूप में की गई। घटना शनिवार-रविवार की रात 12.30 बजे के बाद की है। शरीफ रोज की तरह अपने खेत में पानी देने के लिए रात 12.30 बजे घर से निकला।
खिड़गांव मार्ग पर मुंशी के खेत के पास कच्चे रास्ते पर रविवार सुबह 9 बजे शरीफ को लोगों ने मृत अवस्था में देखा और परिजन को सूचना दी। शरीफ के चेहरे पर ठोस व धारदार हथियार से वार किए गए। उसके गाल के दोनों ओर धारदार हथियार के निशान थे। गला कटा हुआ था। पीछे से खोपड़ी फूटी हुई थी। आरोपियों ने हथियार से वार कर उसके सिर को जमीन पर पटका। रविवार दोपहर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। रात 8 बजे हापला स्थित कब्रिस्तान में उसका शव दफनाया गया। कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। पुलिस ने संदेहियों को पूछताछ के लिए उठाया था

इससे पहले हापला-दीपला गांव में 18 मई को दो पक्षों में सांप्रदायिक विवाद हुआ था। तब राकेश फूलमाली की मौत हुई थी। गांव में हत्या सिलसिला रुक नहीं रुका शरीफ की हत्या हो गई । सीएसपी ललित गठरे, टीआई बीएल मंडलोई व पुलिस टीम गांव पहुंची। गांव में पुलिसबल बढ़ा दिया गया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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