शादी का झांसा देकर आरक्षक तीन साल तक करता रहा युवती के साथ Rape, गिरफ्तार

उज्जैन, योगेश कुल्मी।  पुलिस (police) का धर्म आम नागरिक (comman man) की रक्षा करना है। लेकिन अगर वही रक्षक खाकी वर्दी पहन कर दुष्कर्म (rape) जैसे घिनौने अपराध को अंजाम देने लगे तो क्या हो। जी हां एक ऐसा ही मामला उज्जैन से आया है जहां एक आरक्षक ने एक युवती के साथ शादी का झांसा देकर 3 साल तक दुष्कर्म (Rape) किया।  जब युवती ने आरक्षक से शादी करने की बात कहीं तो उसने इंकार कर दिया, जिसके बाद बीती रात युवती ने आरक्षक के खिलाफ मामला दर्ज (case filed) कराया। पुलिस ने मामले को तुरंत संज्ञान में लेते हुए आरक्षक को गिरफ्तार (arrest) कर लिया।

पूरा मामला उज्जैन जिले के नीलगंगा थाना क्षेत्र का है, जहां अशोक नगर कॉलोनी निवासी युवती ने अजय अस्तेय जो कि पुलिस लाइन में आरक्षक के तौर पर पदस्थ हैं, उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया। जिसमें युवती ने बताया कि आरक्षक ने उसे शादी का झांसा देकर 3 साल तक दुष्कर्म (rape) किया।

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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।