भोपाल की दीवारों पर बनी पेंटिंग शहर की खूबसूरती को बढ़ाने का कर रही है काम

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। राजधानी के चौक-चौराहों की सूरत बदली हुई नजर आ रही है  और इस बदली हुई सूरत में शहर की दीवारों पर बनी पेंटिंग (paintings on wall) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। दरअसल भोपाल नगर निगम (Bhopal City Corporation ) स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 (cleanliness Survey 2021) की तैयारियों में जुट गया है। इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में राजधानी भोपाल (Bhopal) सातवें पायदान पर रहा था। उसे पहले पायदान पर लाने के लिए नगर निगम ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं और इस बार ना केवल शहर की साफ-सफाई पर जोर दिया जा रहा है बल्कि शहर की सुंदरता पर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है।

शहर के चौराहे और तिराहे सुंदर लगे इसके लिए दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग बनाई जा रही है। इन दीवारों पर निगम कोई आम पेंटिंग नही बनवा रहा। दीवारों पर बनाई पेंटिंग्स आकर्षक लगे इसके लिए बहुत सारी दीवारों पर 3D पेंटिंग्स और बहुत सारे जगह मध्य प्रदेश के फेमस पर्यटन स्थलों को उकेरा जा रहा है। इसी के ही साथ स्वच्छता और पर्यावरण का संदेश देती हुई भी पेंटिंग बनाई जा रही है।

बता दें कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर की सुंदरता को लेकर भी पॉइंट निर्धारित किए गए हैं। लिहाजा दीवारों पर पेंटिंग का काम किया जा रहा है।इतना ही नहीं निगम चौराहों की दीवारों पर पेंटिंग बनाने के साथ-साथ ग्रीनरी को संवारने का भी काम कर रहा है। जल्द ही शहर के चौराहों के रोटरी के चारों ओर ऊंचाई के हिसाब से एंगल वाल्व यानी लोहे की दीवार लगाकर उसमे पौधे लगाने का काम करेगा। इन लोहे की दीवारों पर में विदेशी पौधे लगाए जाएंगे और इसकी जिम्मेदारी नगर निगम की उद्यानिकी शाखा को सौंपी जाएगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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