बालाघाट : श्मशान घाट में अज्ञात जला शव मिलने से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस

Gaurav Sharma
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बालाघाट, सुनील कोरे। जिले के वारासिवनी क्षेत्र के रामपायली थाना अंतर्गत ग्राम झालीवाड़ा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां मोक्षधाम में सुबह-सुबह ग्रामीणों को एक शव जलाये जाने के निशान मिले है, जबकि न केवल झालीवाड़ा अपितु इसके आसपास समीपस्थ ग्रामों सहित पूरे वारासिवनी क्षेत्र में ऐसी कोई मौत नहीं हुई है, जिससे कि शव को मोक्षधाम में जलाया जा सकें। मामला संदेहास्पद होने पर ग्रामीणों की सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सोलंकी सहित रामपायली पुलिस का अमला घटनास्थल पहुंचा। जहां जले शव के बचे अवशेष खोपड़ी और हड्डियों को बरामद कर पुलिस ने उसका पोस्टमॉर्टम करवाया। वहीं घटनास्थल की जांच के लिए पुलिस डॉग स्कॉट की भी मदद ली गई, लेकिन अभी तक जलाये गये शव को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है, जिसके कारण चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं पुलिस भी मामला संदेहास्पद होने से जांच में जुट गई है।

सुबह ग्रामीणो से पंचायत सरपंच को मिली जानकारी

मिली जानकारी अनुसार सुबह व्यायाम करने झालीवाड़ा मोक्षधाम की ओर गये युवको को मोक्षधाम में एक शव के जलाये जाने के निशान मिले। चूंकि गांव में और आसपास के गांवो में किसी की मौत नहीं होने और मोक्षधाम में शव जलाये जाने का मामला संदेहास्पद होने से इसकी सूचना पंचायत सरपंच को दी गई। जिसके बाद पंचायत सरपंच द्वारा पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल पहुंचकर पूरी तरह से जल चुके शव के केवल हड्डियों को बरामद किया है। इस मामले में न तो जलने वाले, न लाकर जलाने वाले का कोई पता चल सका है। पुलिस ने न केवल वारासिवनी क्षेत्र अपितु जिले के अधिकांश क्षेत्र में किसी के मृतक होने की जानकारी के बारे में पता किया लेकिन कोई पता नहीं चल सका है।

सरपंच की रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर पुलिस ने कराया पीएम

इस मामले में रामपायली पुलिस अधिकारी बनवारीलाल धुर्वे ने बताया कि गांव के कुछ युवक मोक्षधाम की ओर व्यायाम करने गये थे। जिन्होंने मोक्षधाम में जलाये गये शव को देखने के बाद इसकी जानकारी दी। जिसमें पंचायत सरपंच की रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर मिले अवशेष का पीएम करवाया गया है। डीएनए फ्रिजर्व करवा लिया गया है। जिसकी जांच के बाद ही साफ हो पायेगा कि मृतक पुरूष है या महिला। पुलिस अधिकारी की मानें तो पूरे क्षेत्र में हुई मौत की कोई जानकारी नहीं है। जिससे मृतक के यहां शव जलाये जाने की घटना की जांच की जा रही है।

ट्रेक्टर आने की बात कर रहे ग्रामीण

घटना को लेकर किसी के पास कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, न ही यह पता चल पा रहा है कि मृतक कौन है और किसने इसे मोक्षधाम में लाकर जलाया है। ग्रामीणों रात में किसी ट्रेक्टर के आने की बात कह रहे है। बताया जाता है कि रात में लगभग दो से तीन बजे के बीच शव को जलाया गया है। तो क्या ट्रेक्टर से शव लाकर रातो-रात उसका अंतिम संस्कार कर दिया है, जिससे कि गुनाह का कोई निशान नहीं मिले? या फिर किसी की हत्या कर साक्ष्य छिपाने की मंशा से ऐसा किया गया है? ऐसे कई सवाल है, जिनके जवाब भी अनसुलझे है, जिसके ही जवाब तलाशने पुलिस जांच में जुटी है।

कोरोना पॉजिटिव मरीज का तो नहीं जलाया गया शव

वर्तमान में कोरोना महामारी का प्रकोप पूरे जिले में है, ऐसे में यह भी आशंका जताई जा रही है कि जलाया गया शव किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज का तो नहीं है। जिसे जलाने के बाद जलाने वाले चले गये हो। चूंकि कोरोना पॉजिटिव मरीज के मृतक होने के बाद उसके शव को प्रोटोकॉल के तहत परिजनों को नहीं देकर जला दिया जाता है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है। बहरहाल जांच के बाद ही साफ हो पायेगा कि आखिर जलाया गया शव किसका है और रातो-रात आखिर शव को क्यों जलाया गया?

इनका कहना है

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सोलंकी का कहना है कि मामला संदेहास्पद है, अभी कुछ भी कह पाना मुश्किल है, मामले में मर्ग कायम कर जांच में लिया है। आसपास के क्षेत्र में पता किया जा रहा है, कोई गुम इंसान कायमी तो नहीं है। साथ ही मिले अवशेष की मेडिकल जांच भी कराई जायेगी।

बालाघाट : श्मशान घाट में अज्ञात जला शव मिलने से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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