बैंक अकाउंट में हो या न हो पैसे, UPI से हो सकेगा पेमेंट, समझ लीजिए आसान तरीका

Shashank Baranwal
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Bank New Service

Bank New Service: आपके खाते में पैसे नहीं है फिर भी आप यूपीआई से पेमेंट करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। अब ऐसा किया जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट लाइन सर्विस ऑफर करने की मंजूरी दे दी है। जिसके जरिए अब बैंक अकाउंट खाली होने के बाद भी यूपीआई पेमेंट किया सकता है। वहीं इस सर्विस को UPI Now, Pay Later सर्विस का नाम दिया गया है। जिसके तहत बैंक ग्राहक को खाता खाली होने के बाद भी यूपीआई पेमेंट करने की छूट देगा।

बता दें कि इससे पहले तक यूपीआई सिर्फ तब तक काम कर सकता था जब तक उसके अकाउंट में पैसे हों, ओवरड्राफ्ट अकाउंट हो, प्रीपेड वॉलेट या फिर क्रेडिट कार्ट लिंक हो।

इस तरह काम करेगी सुविधा

इस सुविधा के लिए सबसे पहले बैंकों को क्रेडिट लाइन के लिए अपने खाताधारकों का अप्रूवल लेना होता है। जिसके बाद कस्टमर की क्रेडिट लिमिट तय कर दी जाती है। अगर कस्टमर को कहीं पेमेंट करना है तो पहले से मंजूर लिमिट का उपयोग करते हुए वो उस पेमेंट का यूज कर सकता है। इसके बाद बैंक में आपको एक तयशुदा वक्त में वो पैसे जमा करने होंगे। वहीं इस पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा। आरबीआई ने सभी बैंकों को इस सुविधा को देने के लिए कहा है।

क्रेडिट लाइन ऐसे होगी तय

कस्टमर्स की क्रेडिट लाइन तय करने का भी एक तरीका होगा। जिसके तहत कस्टमर की पेमेंट हिस्ट्री, क्रेडिट हिस्ट्री की जांच की जाएगी। वहीं ये सारी सुविधाएं गूगल पे, फोन पे,  पेटीएम जैसी सभी ऐप्स पर उपलब्ध होगी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस व्यवस्था से यूपीआई का प्रचलन और भी अधिक बढ़ेगा। इस सुविधा उन लोगों के लिए भी लाभकारी होगा जो क्रेडिट कार्ड यूज नहीं करना चाहते या नहीं कर सकते। वो भी अपनी लिमिट के अनुसार इस नई सर्विस का लाभ उठा सकेंगे।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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