ध्यान दें! घर की इस दिशा में न लगाएं शीशा, जानें इसके कारण

Vastu: वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ दिशाओं में शीशा लगाना घर की ऊर्जा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

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Vastu: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में रखी जाने वाली हर वस्तु का अपना विशेष महत्व होता है। घर में रखी हर वस्तु में ऊर्जा होती है किसी वस्तु में नकारात्मक ऊर्जा होती ह, तो वही किसी में सकारात्मक ऊर्जा होती है। वास्तु शास्त्र में वस्तुओं को लेकर कई नियम बताए गए हैं ठीक इसी तरह शीशे को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में शीशा रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा रहती है।

ऐसा माना जाता है कि सही दिशा में शीशा लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। जिससे घर के सदस्यों की मानसिक शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है। गलत दिशा में शीशा लगाने से नकारात्मक उर्जा उत्पन्न होती है, इसलिए शीशे की दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहे।

किस दिशा में लगाना चाहिए शीशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर और पूर्व दिशा सकारात्मक ऊर्जा और धन के देवता कुबेर की दिशा मानी जाती है। इसलिए इन दोनों ही दिशा में शीशा लगाना शुभ माना जाता है। इन दिशाओं में शीशा लगाने से घर में धन का प्रवाह बढ़ता है और आर्थिक समृद्धि के रास्ते खुलते हैं। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें की शीशा इस तरह लगाया जाए कि उसमें देखने वाले का चेहरा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो ताकि ऊर्जा का सही प्रवाह हो सके।

कैसा शीशा लगाना चाहिए

अगर आप अपने घर की उत्तर या फिर पूर्व दिशा में शीशा लग रहे हैं तो गोल शीशा लगाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। गोल शीशा वास्तु शास्त्र में संतुलन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। गोल शीशा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है उत्तर या पूर्व दिशा में कुल शीशा लगाने से घर के अंदर शांति सुख समृद्धि और आर्थिक उन्नति का वातावरण बनता है।

कहां नहीं लगाना चाहिए शीशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार गलत जगह पर लगा हुआ शीशा नकारात्मक ऊर्जा को अपनी और आकर्षित करता है और घर में अशांति भी पैदा कर सकता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें की शीशा कभी भी आपके बिस्तर के ठीक सामने नहीं होना चाहिए। जब आप सो कर उठते हैं तो पहली नजर में ही आपका प्रतिबिंब शीशे में दिखाई देता है तो यह अशुभ माना जाता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकताहै। इसके अलावा शीशा दरवाजा के सामने या पूजा घर के सामने भी नहीं रखना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

इसके अलावा पश्चिम या दक्षिण दिशा में शीशा लगाना अशुभ माना जाता है। पश्चिम दिशा में अस्त होते सूर्य की दिशा होती है जो दिन के अंत और समाप्ति का प्रतीक है। इस दिशा में शीशा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। वहीं दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है, इसलिए इस दिशा में शीशा लगाने से घर में रोग और कलेश बढ़ सकते हैं।

वास्तु शास्त्र के मुताबिक रसोई घर में शीशा लगाना अशुभ माना जाता है। रसोई घर को घर का वह हादसा माना जाता है, जहां पर अन्न पकाया जाता है और अन्न को देवता के समान पूजा जाता है। इतना ही नहीं खाना बनाते समय तेल की आने वाली तरल पदार्थ शीशे में गिरने से दुर्घटना का खतरा भी बढ़ सकता है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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