Adhik Maas 2023 : 16 अगस्त 2023 को अधिक मास की अमावस्या होगी और उसी दिन अधिक मास का समापन होगा। जिसके लिए अभी 6 दिन बचें हैं। सावन में अधिक मास का संयोग पूरे 19 साल बाद बन रहा है, जिसे मलमास या पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। इस माह में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित होते है। इस समय लोग ध्यान, पूजा, जप, धार्मिक अनुष्ठान और दान के साथ समय बिताते हैं। ऐसे में यदि आप मां लक्ष्मी की कृपा सदैव अपने पर बनाएं रखना चाहते हैं तो 16 अगस्त यानि बुधवार से पहले ये काम जरुर कर लें ताकि माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपनी कृपा आपपर बनाए रखें…
तुलसी की पूजा
हिन्दू धर्म में अधिक मास में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व होता है। इसके लिए आप तुलसी को प्रातः स्नान के बाद जल दें और उसके आस-पास की परिक्रमा करते समय “ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः” मंत्र का जाप करें। यह मंत्र मां लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए उपयोगी माना जाता है। साथ ही, तुलसी के पौधों के पत्तों और दलों का भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करें।
शंख से करें जलाभिषेक
हिन्दू धर्म में शंख को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में अधिक मास के दौरान शुक्रवार के दिन शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का जलाभिषेक करें। जिससे भगवान विष्णु के आशीर्वाद सहति माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी।
अखंड ज्योति करें प्रज्ज्वलित
अधिक मास में घर के मंदिर में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के सामने अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित करें। जिससे घर में आध्यात्मिक उन्नति और आर्थिक समृद्धि आएगी। इसके साथ ही, 11 कन्याओं को भोजन कराएं। जिससे माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
शाम में जलाएं दीपक
इसके अलावा, अधिक मास में शाम के समय दरवाजे पर दीपक जलाएं। ऐसी मान्यता है कि दरवाजे पर दीपक जलाने से आध्यात्मिक और आर्थिक लाभ होता है। दीपक का प्रज्ज्वलन घर में प्रकाश भी लाता है। इस प्रकार के कार्य से घर में आनंद, शांति, समृद्धि और सकारात्मकता की ऊर्जा बढ़ती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)