भारत देवी-देवताओं का देश माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, यहां के हर एक कोने में उनका आस्तिव पाया जाता है। हर राज्य की अपनी अलग अलग प्रथा होती है। इसमें से कुछ पर्व ऐसे होते है, जिसे पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इनमें से कुछ त्योहार ऐसे भी हैं, जिन्हें केवल किसी एक ही राज्य में मनाया जाता है। हर त्योहार का अपना अलग-अलग महत्व होता है। भारत में गणेश चतुर्थी का त्यौहार बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। देश के पश्चिमी राज्यों में यह 10 दिनों तक चलता है, वहीं पूर्वी राज्यों की बात करें तो दो से तीन दिन भगवान की पूजा अर्चना की जाती है और अंत में विसर्जन के साथ विदाई दी जाती है।
इस पूरे 10 दिन शहरों में भक्ति का माहौल रहता है। खासकर महाराष्ट्र और गुजरात समेत मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में गणपति बप्पा हर घर में विराजते हैं। वहीं गली-मोहल्ले में बड़े-बड़े पंडाल बनाए जाते हैं और भगवान की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है और उनका सुबह-शाम विधिपूर्वक पूजा अर्चना भी होता है।
अनंत चतुर्दशी
देश भर में बड़े हर्षोल्लास के साथ गणपति उत्सव मनाया जा रहा है, जिसका समापन 7 सितंबर यानी अनंत चतुर्दशी के दिन होगा। इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि इस खास मौके पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। लोग व्रत रखकर भगवान को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय भी अपनाते हैं।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 6 सितंबर को 3:12 पर शुरू होगी, जिसका समापन 7 सितंबर को देर रात 01 बजकर 41 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी।
ऐसे करें प्रसन्न
अगर आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इस दिन आपको चौदह ग्रंथि का सूत्र बांधना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, इसे विधि पूर्वक बांधने से अनंत शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके लिए सबसे पहले पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों से अनंत सूत्र को जगाया जाता है, जिसके बाद विधिपूर्वक पूजा खत्म करके चौदह ग्रंथ अनंत सूत्र को पुरुष के दाहिने हाथ में बांधा जाता है, तो वहीं महिलाओं के बाएं हाथ में बांधा जाता है। इससे भगवान की विशेष कृपा दृष्टि उन पर सदैव बनी रहती है। साथ ही घर पर माता लक्ष्मी का भी आगमन होता है, जिससे हमेशा सुख और समृद्धि आती है।
महत्व
पौराणिक कथाओं में इस बात का उल्लेख किया गया है कि द्वापर युग में जब पांडवों से उनका राज पाठ छीन लिया गया था, तब उन्होंने अनंत चतुर्दशी के व्रत को रखकर अपने साम्राज्य को वापस हासिल किया था। साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने वाले भक्तों को 14 साल तक शुभ परिणाम मिलता है तथा भगवान विष्णु सदैव उन पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं।
ऐसे करें पूजा
- इस दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान कर लेना चाहिए।
- इसके बाद साफ वस्त्र धारण करके पूजा स्थल को साफ कर लें।
- फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा के साथ-साथ गणपति बप्पा की भी प्रतिमा को स्थापित करें।
- इसके बाद उन्हें फल, फूलों सहित भोग अर्पित करें।
- अब भगवान विष्णु की आरती उतार कर पूजा का समापन करें।
- उनसे परिवार की सुख-शांति के लिए आशीर्वाद मांगे।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)





