Kedar Rajyog 2023, Amla Yog 2023 : ज्योतिष में ग्रहों के परिवर्तन के साथ ही कई महत्वपूर्ण योग और राजयोग का निर्माण होता है। योग और राजयोग के निर्माण से जातकों के जीवन पर इसके विभिन्न प्रभाव नजर आते हैं। इसी बीच एक महत्वपूर्ण योग है, केदार योग।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार धनवान लोगों की कुंडली में केदार योग का निर्माण होता है। ऐसे लोगों को समाज में पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। जब बच्चे का जन्म होता है तो उसकी जन्म कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों तरह के योग से लोग होते हैं। इससे ही उनके जीवन प्रभावित होते हैं।
केदार योग
केदार योग भाग्यशाली लोगों की कुंडली में होता है। वहीं यह लोग राज्य सत्ता प्राप्त करते हैं। समाज में उनकी अलग ख्याति होती है। यश कीर्ति और वैभव का लाभ मिलता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार केदार राजयोग का निर्माण तब होता है, जब जन्म कुंडली के चौथे भाव में 7 ग्रह स्थित हो जाए। चाहे अगर ग्रह किसी भी राशि में क्यों ना हो, ऐसे ग्रह के निर्माण से केदार योग का निर्माण होता है।
केदार योग का निर्माण
ऐसे में जब कुंडली में सातों ग्रह किन्हीं चार राशियों में हो तो केदार योग बनता है। इस योग से जिस व्यक्ति का जन्म होता है। वह भूमि भवन से युक्त होता है। अपनी मेहनत से वह अचल संपत्ति में वृद्धि करने में सफल रहता है। इसके साथ ही व्यक्ति को भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्घि के अलावा मातृ सुख का परम लाभ मिलता है।
इन राशियों को लाभ
वृश्चिक व्यक्ति भूमि विषयों से आय प्राप्त करते हैं और यह सच बोलने वाले होते हैं। कृषि के क्षेत्र से इनके नए काम बनते हैं। जिन चार राशियों में यह योग बनता है, वह चार राशियां, जिन भाव में स्थित हो। उन भावों के तत्वों की शुभता भी इन्हें प्राप्त होती है।
इस योग से तुला राशि के लोग जानकारी प्राप्त करने वाले होते हैं और कलाप्रेमी होते हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। साथ ही इन लोगों में भौतिक सुख प्राप्त करने की लालसा रहती है।
केदार योग से मेष राशि को भूमि सुख प्राप्त होता है। व्यक्ति बड़े रूप में कृषि करने वाला होता है। हर परिस्थिति में सुखी रहता है और जो बोलना होता है, मुंह पर बोलने की क्षमता रखता है। तार्किक क्षमता अच्छी होती है।
अमला योग
कुंडली में शुभ स्थिति एक आरामदायक और सफल जीवन जीने की कुंजी होते हैं। कुंडली में अमला योग का निर्माण दुर्लभ नहीं है और हर तीसरे इंसान की कुंडली में अमला योग का निर्माण होता है। हर तीसरे की कुंडली में चंद्रमा से लगने से दशम भाव में शुभ ग्रह बैठा होता है। कुंडली में बुध. शुक्र, गुरु दसवें घर में स्थित हो जातक को धन लाभ होता है और व्यापारी वर्ग का जातक व्यापार विस्तार करता है।
गुरु से अमला योग का निर्माण
किसी जातक की कुंडली में गुरु से अमला योग का निर्माण होता है। लग्न के दसवें भाव में गुरु स्थित हो तो जातक एक अच्छे वक्ता और दूरदर्शी जन नेता बनता है। इसके साथ ही अच्छी कल्पना शक्ति होती है और ज्ञान की प्रचुरता रहती है। गुरु का वह स्थान एक शिक्षक, प्रोफेसर, विद्वान, ज्योतिषी, प्रेरक वक्ता और राजनीतिक जन नेताओं के साथ-साथ उन्हें प्रशिक्षक बनाते हैं।
शुक्र ग्रह के साथ अमला योग
कुंडली में शुक्र ग्रह के साथ अमला योग का निर्माण होने पर जातक की कुंडली में चंद्रमा से लग्न के दसवें भाव में शुक्र अमला योग का निर्माण करते हैं। ऐसे में जातक अक्सर फिल्म और टेलीविजन उद्योग या किसी बड़े मीडिया रचनात्मक क्षेत्र में अपना करियर बनाने में सफल होता है। इसके साथ ही महान धन और समृद्धि का लाभ उठाता है। किसी जातक की शादी के लिए जीवन की सभी भोग, विलासिता, और समृद्धि उसे प्राप्त होती है।।
बुध और अमला योग का निर्माण
वही कुंडली में बुध और अमला योग का निर्माण होने पर जातक को ब्लॉगिंग में मदद मिलती है। भौतिकवादी सुख का आनंद लेते हैं। चंद्रमा से लग्न के दसवें भाव में बुध अमला योग बना कर छात्रों को इंजीनियरिंग, एकाउंटिंग, बैंकिंग, उपन्यास लेखन और प्रिंट मीडिया और पत्रकारिता के क्षेत्र में सफल बनाता है। भौतिक सुख के साथ ही वह धन के प्रति जागरूक करते हैं।
अमला योग का लाभ
- अमला योग होने पर जातकों को समाज में मान प्रतिष्ठा हासिल करता है।
- यह लोग भाई और जनता के प्रिय होते हैं।
- गुणवान सात्विक होते हैं। परोपकारी होते हैं।
- दूसरों के हित में अपना ही ढूंढते हैं।
- नौकरी पेशा वाले होते हैं।
- उच्च पद की प्राप्ति होती है।
- सामाजिक कार्य में तत्परता दिखाते हैं।