Rajyog 2023 : मंगल के प्रभाव से बनेगा महत्वपूर्ण राजयोग, तुला सहित 5 राशियों को धन-समृद्धि, प्रतिष्ठा-सम्मान, नौकरी लाभ, विपरीत राजयोग से सफलता, प्रेम, व्यापारिक विस्तार

Kashish Trivedi
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grah gochar

Neechbhang Rajyog, Viprit Rajyog, AStrology : ग्रहों के बदलते दशा का असर जातकों के जीवन पर पड़ता है। इसके साथ ही योग और राजयोग का निर्माण होता है। राजयोग की कुंडली में होने से जातकों के जीवन में धन, उच्च पद सहित प्रतिष्ठा मान-सम्मान, स्वास्थ्य और विदेश यात्रा के योग बनते हैं।

वैदिक ज्योतिष में कई तरह के राजयोग का निर्माण बताया गया है। हालांकि एक राजयोग ऐसा है, जो राजयोग ना होकर भी राजयोग के सामान्य जातकों के जीवन में फल देता है। ऐसे ही राजयोग का नाम है विपरीत राजयोग। जिस व्यक्ति की कुंडली में विपरीत राजयोग का निर्माण होता है। उन्हें सफलता मिलती है। साथ ही प्रतिष्ठा पद सम्मान में वृद्धि होती है।

विपरीत राजयोग का निर्माण

कुंडली के छठे भाव का स्वामी अष्टम या द्वादश भाव में विराजमान होते हैं और अष्टम भाव का स्वामी द्वादशी अष्टम भाव में विराजमान होते हैं साथ ही द्वादश का स्वामी अष्टम अष्टम भाव में विराजमान होता है तो विपरीत राजयोग का निर्माण होता है त्रिक भाव और इनके स्वामियों की इसमें अहम भूमिका होती है। इसके लिए 6, 8 और 12वीं भाव को महत्वपूर्ण माना जाता है।

विपरीत राजयोग तीन प्रकार के होते हैं

  • हर्ष विपरीत राजयोग का निर्माण तब होता है जब छठे भाव का स्वामी अष्टम या नवम भाव में विराजमान होता है। ऐसे में पारिवारिक जीवन में सुख शांति होती है। समाज में प्रतिष्ठा मान सम्मान में वृद्धि होती है। हालांकि छठे भाव के स्वामी के छठे भाव में विराजमान होने पर संकेत शुभ नहीं माने जाते हैं।
  • सरल विपरीत राजयोग का निर्माण तब होता है, जब कुंडली के अष्टम भाव का स्वामी छठे या बारहवें भाव में विराजमान हो। इस राजयोग के प्रभाव से बौद्धिक विकास में सकारात्मक बदलाव होते हैं। विदेश यात्रा सहित उच्च स्वास्थ्य लाभ मिलता है। वही राजयोग का सुख मिलता है।
  • विमल राज योग का निर्माण तब होता है, जब द्वादश का स्वामी छठे या आठवें भाव में विराजमान हो। आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रगति होती है। इसके साथ ही प्रतिष्ठा धन, व्यापार का लाभ होता है। व्यापार में विस्तार देखने को मिलते हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य में विकास देखने को मिलते हैं।

नीचभंग राजयोग

1 जुलाई को मंगल का गोचर देखने को मिलेगा मंगल के गोचर के साथ ही महत्वपूर्ण राजयोग का निर्माण होगा। नीच भंग राजयोग का जातकों के जीवन में शुभ प्रभाव पड़ता है। इसके लिए आवश्यक है कि कोई नीच का ग्रह इस तरह बैठा हो कि उसकी नीच अवस्था समाप्त हो जाए और प्रबल तौर पर वह राजयोग कारक ग्रह बनकर दिखें। मंगल का राशि परिवर्तन के साथ ही नीच भंग राज योग का निर्माण हो रहा है।

नीच भंग राज योग का निर्माण

किसी कुंडली में एक उच्च के ग्रह के साथ एक नीच ग्रह होने पर कुंडली में नीच भंग राजयोग का निर्माण होता है। इसके साथ ही यदि कोई ग्रह अपनी नीच राशि में बैठा और उस राशि का स्वामी लग्न या चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो, तभी कुंडली में नीच भंग राजयोग का निर्माण होगा।

वहीं यदि किसी कुंडली में नीच ग्रह के स्वामी की दृष्टि भी किसी नीच ग्रह पर हो तो नीच भंग राजयोग बनता है। साथ ही किसी ग्रह की नीच राशि का स्वामी, उसकी उच्च राशि के स्वामी परस्पर केंद्र स्थान में हो तब भी नीच भंग राज योग का निर्माण होता है।

हालांकि मंगल के गोचर से पहले मिथुन सहित 4 राशियों को इस राजयोग का लाभ मिलेगा।

मिथुन सहित 4 राशियों को इस राजयोग का लाभ

मिथुन

मिथुन राशि के संचार क्षमता में वृद्धि होगी। करियर में प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। बाधाएं और समस्याएं खत्म होगी। जीवन में सफलता उन्नति प्रगति के मार्ग खुलेंगे। इसके साथ ही प्रतिष्ठा, मान सम्मान में वृद्धि देखी जाएगी।

कर्क

कर्क राशि वाले को जीवन साथी के साथ मिलेगा। वित्तीय चिंता दूर होगी। पदोन्नति और उन्नति के मार्ग खुलेंगे। करियर में प्रगति होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। कई मुश्किलें आ सकती है। सावधानी की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही प्रतिष्ठा धन लाभ, व्यापार लाभ, निवेश का लाभ मिलेगा।

तुला

तुला राशि वाले को सफलता और लाभ मिलेगी। पदोन्नति व वेतन वृद्धि के आसार बन रहे। विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं। प्रोत्साहन मिलेगा। कार्यस्थल पर आपके कार्य की प्रशंसा की जाएगी। कमाई के अवसर बढ़ेंगे। आय में वृद्धि होगी। धन लाभ होगा। प्रतिष्ठा सम्मान, वैभव संपत्ति सहित भौतिक सुख मिलेगा।

 

Disclaimer : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह और नियम के लिए अपने ज्योतिषाचार्य की सलाह अवश्य लें।


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