Nrip Rajyog, Astrology, Gajkesari Rajyog : वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह समय-समय पर अपनी राशि परिवर्तन करते हैं और राशि परिवर्तन करने के साथ ही शुभ योग का निर्माण करते हैं। मानव जीवन पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। गुरु मेष राशि में विराजमान है और चंद्रमा आज मेष राशि में गोचर करेंगे। इसके साथ ही इस ग्रहों की युति से गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा। 17 जून को शनि वक्री अवस्था में गोचर करने वाले हैं। जिससे एक मूलत्रिकोण राजयोग का भी लाभ जातको को मिलेगा।
इसी बीच कुंडली में कुछ लोग और राजयोग ऐसे होते हैं, जो जातक के जीवन में बड़े बदलाव के संकेत देते हैं। ऐसा ही एक राजयोग है, नृप राजयोग। जिस तरह नाम से यह स्पष्ट है। नृप का मतलब राजा होता है। इस राजयोग से जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं। इसके साथ ही वह राजा के समान सुखों को प्राप्त करते हैं। साथ ही जातकों के मान सम्मान में वृद्धि होती है। उनके पद प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
नृप राजयोग का निर्माण
किसी जातक की कुंडली में कम से कम 3 या उससे अधिक ग्रह अपनी उच्च राशि में स्थित हो, तब कुंडली में नृप राजयोग का निर्माण होता है।
ऐसे में कुंडली में 3 या उससे अधिक ग्रह का उच्च राशि में विराजमान होना आवश्यक है। इसके साथ ही चार ग्रह यदि उच्च राशि में गोचर करते हैं तो जातकों को राजा के समान पद, प्रतिष्ठा, सम्मान का लाभ मिलता है। इसके साथ ही वह सुखी जीवन व्यतीत करता है। भौतिक सुविधा से लवरेज रहते हैं।
नृप राजयोग के लाभ
इस योग का निर्माण होने से जातक राजा के समान सुखों को प्राप्त करता है। इसके साथ ही बड़े मंत्री के रूप में उसकी नियुक्ति होती है। उसके मान सम्मान में वृद्धि होती है। सामाजिक शक्ति का आवाहन करता है। इसके साथ ही उसे सामाजिक समर्थन प्राप्त होते हैं। शासकीय सत्ता का सुख हासिल करने के साथ ही वह नेतृत्व कौशल में भी धनी होते हैं।
छत्र योग
जातकों के जीवन में कई बार बनने वाले योग कई बार जातकों को राजयोग का लाभ देते हैं। क्षत्र राजयोग के तहत जिस व्यक्ति की जन्म पत्रिका में इस योग का निर्माण हो, व्यक्ति जीवन में निरंतर प्रगति हासिल करता है। इसके साथ ही उच्च पद की प्राप्ति होती है । इतना ही नहीं भगवान की छत्रछाया होने के साथ ही यह जातक अतिरिक्त बुद्धि और बलवान होता है। व्यापार और पढ़ाई में एक अलग मुकाम हासिल करने के साथ ही जातक दीर्घायु और स्वस्थ होता है। बीमारी इन जातकों के पास बेहद कम तरीके से प्रवेश करती है।
छत्र राजयोग का निर्माण
इस योग का निर्माण तब होता है। जब कुंडली में चतुर्थ भाव से दशम भाव तक सभी ग्रह मौजूद हैं और फिर दशम भाव से चतुर्थ वर्ष सभी ग्रह स्थित हो, तीन भाव में दो दो ग्रहों और तीसरे भाव में एक ग्रह स्थित हो। तब इस शुभ छत्र योग का निर्माण होता है।
इस योग के प्रभाव से जातक प्रभावी जीवन जीता है। नेतृत्व कौशल में विकसित होता है। इसके साथ ही वह स्वस्थ और दीर्घायु होता है। उसे सरकारी नौकरी का लाभ प्राप्त होता है। इतना ही नहीं राजा के समान सभी सुख प्राप्त होते हैं। वह सुख सुविधा का लाभ लेते हैं। साथ ही प्राकृतिक सकारात्मक ऊर्जा उसके आसपास मौजूद रहती है।
गजकेसरी राजयोग
गजकेसरी योग को असाधारण योग की कुंडली में रखा गया है। जिस व्यक्ति की कुंडली में इस राजयोग का निर्माण होता है। व्यक्ति जीवन में कभी अभाव को नहीं प्राप्त करता, इस योग के साथ जन्म लेने वाले जातक धन, कीर्ति, करुणा का लाभ लेते हैं। इसके साथ ही कुंडली में गुरु और चंद्र पूर्ण कार्य प्रभाव के साथ एक दूसरे के साथ जोड़ते हैं। तब गजकेसरी योग का निर्माण होता है।
वर्तमान में मेष राशि में सूर्य ग्रह विराजमानहै और चंद्रमा मीन राशि से सूर्य में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में गुरु और चंद्रमा के गोचर से गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है। जिसका लाभ शासकों को मिलेगा लग्न स्थान में कर्क, धनु, मीन, मेष, वृश्चिक हो, तब इस कार्य के प्रभाव अधिक माने जाते हैं। चंद्रमा के 1 4, 7 और 10 गुरु होने पर गजकेसरी योग का लाभ जातकों को उपलब्ध कराया जाता है।
इन राशियों को मिलेगा गजकेसरी योग का लाभ
मेष
गजकेसरी राजयोग का निर्माण बेहद शुभ माना जा रहा है। यह गोचर कुंडली के लग्न भाव में हो रहा है।ऐसे में कामकाज में वृद्धि देखी जाएगी। वैवाहिक जीवन इस दौरान अच्छा रहेगा। इतना ही नहीं मन प्रसन्न रह सकता है। सुख साधन वृद्धि होगी, जो लोग अविवाहित हैं, उनके विवाह के सही प्रस्ताव सामने आ सकते है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। धनलभ के स्रोत खुलेंगे। लाभ मिलेगा।
कर्क
कर्क राशि वाले के लिए यह गोचर राशि के कर्म भाव में हो रहा है। ऐसे में कारोबार में वृद्धि होगी। कार्यस्थल पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। बेरोजगारों को नौकरी मिल सकती है। बुद्धि का प्रयोग करेंगे। काम में सफलता हासिल करेंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य का महत्व पूर्ण ध्यान रखना होगा।