सालों बाद कुंभ राशि में एक साथ 2 राजयोग! चमक उठेगी 3 राशियों की किस्मत, फरवरी से गोल्डन टाइम, अपार धन और पद- प्रतिष्ठा

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शश महापुरुष और बुधादित्य राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है। किस्मत का साथ मिल सकता है।शश राजयोग आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं।

Pooja Khodani
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rajyog 2024

Budhaditya/Shash Rajyog : ज्योतिष शास्त्र में न्याय के देवता शनि, ग्रहों के राजा सूर्य और ग्रहों की राजकुमार की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है। जहां सूर्य और बुध हर माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते है, वही शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, अन्य ग्रह की तुलना में शनि को एक से दूसरी राशि में प्रवेश के लिए करीब ढाई वर्षों का समय लगता हैं, इसलिए एक ही राशि में दोबारा आने में शनि को 30 साल का समय लगता है, ऐसे में जब भी शनि के साथ सूर्य और बुध चाल बदलते है तो सभी राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

वर्तमान में शनि मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है, जिससे शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। वही सूर्य भी कुंभ में आ गए है और 20 फरवरी को बुध गोचर करने वाले है, ऐसे में कुंभ में बुध सूर्य की युति बनेगी और बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा। सालों बाद कुंभ में एक साथ 2 राजयोग बनने से 4 राशियों को विशेष फल की प्राप्ति होगी।

कब बनता है शश और बुधादित्य राजयोग 

  • ज्योतिष के मुताबिक, जब शनि लग्न भाव से या चंद्र भाव से केंद्र भाव पर हो यानि शनि देव यदि किसी कुंडली में लग्न अथाव चंद्रमा से 1, 4, 7 या 10वें स्थान में तुला, मकर या कुंभ राशि में विराजमान हो तो ऐसी कुंडली में शश राजयोग का निर्माण होता है। जिन जातकों की कुंडली में यह राजयोग होता है उसकी धन और शौहरत में वृद्धि होती है।व्यक्ति राजाओं जैसी जिंदगी जीता है। आर्थिक संसाधनों में वृद्धि होती है।
  • वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है। बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग बनता है उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।

जानिए किन 3 राशियों को मिलेगा राजयोग का लाभ

कुंभ राशि : 30 सालों बाद कुंभ में शनि का उदय होना और शश राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। समाज में मान- सम्मान मिलेगा।नौकरीपेशा लोगों का प्रमोशन और इंक्रीमेंट हो सकता है। पार्टनरशिप में बिजनस करने वालों के लिए लाभ प्राप्ति के योग बनेंगे।। आय में वृद्धि होगी और नए स्त्रोत भी खुलेंगे।अविवाहित लोगों का विवाह हो सकता है। शनि और सूर्य के बाद बुध का गोचर आपको भूमि, भवन, वाहन इत्यादि का सुख प्राप्त होगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।नौकरी पेशा व व्यापारियों को अच्छा लाभ प्राप्त कर पाएंगे।

सिंह राशि : शश महापुरुष और बुधादित्य राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है। किस्मत का साथ मिल सकता है।शश राजयोग आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं। शश और बुधादित्य राजयोग शादीशुदा लोगों के जीवन में खुशहाली लाएगा। नौकरीपेशा के लिए समय उत्तम रहेगा, कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। सैलरी और पद में भी इजाफा हो सकता है। पार्टनरशिप का काम करने के लिए समय अनुकूल है। शनि देव के शश राजयोग से रुके हुए कार्य भी बनेंगे। लोग रोजगार की तलाश कर रहे हैं या नौकरी बदलना चाहते हैं तो आपको अच्छे अवसर मिलेंगे।व्यापारी वर्ग इस अवधि में अच्छी डील फाइनल कर पाएंगे, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।

मेष राशि : सूर्य, बुध और शनि के होने से बनने वाले शश और बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकते है। भाग्य का साथ मिलेगा। आय में वृद्धि होगी और इनकम के नए सोर्स बनेंगे। धार्मिक व सामाजिक कार्यों में मन लगेगा।समय आपको पुराने निवेशे से लाभ होगा। शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी के धनलाभ हो सकता है।बुध के गोचर से पैतृक संपत्ति या ससुराल से धन प्राप्त होने के योग बन रहे हैं। परिवार के सदस्यों का साथ मिलेगा, समाज में आपका पराक्रम भी बना रहेगा। नौकरी व व्यापारियों के लिए समय उत्तम रहेगा। और करियर में अच्छी वृद्धि होगी।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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