Surya Grahan Shani Gochar 2025 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और कुंडली नक्षत्र और ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है। होली के दिन 14 मार्च को साल का पहला चन्द्र ग्रहण लगा था और अब 29 मार्च चैत्र अमावस्या को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है, हालांकि यह आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा और भारत में नजर नहीं आएगा और न ही इसका सूतक काल मान्य होगा
खास बात ये है कि इस दिन न्याय व दंड के देवता शनि भी चाल बदलेंगे।शनि कुंभ से निकलकर मीन में प्रवेश करेंगे। चुंकी शनि को एक से दूसरी राशि में जाने में करीब ढाई वर्ष का समय लगता है, ऐसे में वे जून 2027 तक मीन राशि में रहेंगे।29 मार्च को शनि गोचर और सूर्य ग्रहण का एक साथ होना ज्योतिष की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है।ये संयोग 3 राशियों के लिए लकी साबित होगा।आईए जानते है कौन कौन सी है वो लकी राशियां…

शनि गोचर/सूर्य ग्रहण का संयोग, 3 राशियों का भाग्योदय
मिथुन राशि : मार्च महीने में शनि गोचर और सूर्य ग्रहण का संयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। व्यापारियों को आकस्मिक धन लाभ मिलने की उम्मीद है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरीपेशा को प्रमोशन के साथ सैलरी हाइक का तोहफा मिल सकता है। विद्यार्थियों के लिए समय अनुकूल रहेगा। मनचाही जगह ट्रांसफर हो सकता है व्यापारियों को इस समय अच्छे ऑर्डर मिल सकते है। बेरोजगारों को नौकरी के नए अवसर मिलेंगे।
मकर राशि : सूर्य ग्रहण और शनि गोचर जातकों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है। पैतृक संपत्ति से जुड़े मामले सुलझ सकते हैं।कर्ज की समस्या से मुक्ति मिलेगी। मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होगी। आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। । धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी। नौकरीपेशा को नए अवसर मिल सकते हैं विदेश जाने की योजना बना रहे हैं तो समय अनुकूल रहेगा। समय- समय पर आकस्मिक धनलाभ के योग हैं। साथ ही शनि गोचर करते ही आपको साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी।
कुंभ राशि: शनि का राशि परिवर्तन और सूर्य ग्रहण जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल हो सकती है। लंबे समय से रुके काम फिर से आरंभ हो सकते हैं। जीवन में चली आ रही समस्याएं समाप्त होगी।आमदनी के नए स्त्रोत खुलेंगे।विदेशी कंपनियों से लाभ मिल सकता है। वाहन, प्रॉपर्टी खरीदने का भी सपना पूरा हो सकता है। परिवार और रिश्तेदारों के साथ अच्छा वक्त बीत सकता है
वृषभ राशि: शनि गोचर और सूर्य ग्रहण का संयोग जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। आय में वृद्धि हो सकती है। आर्थिक रूप मजबूत हो सकते है। निवेश से लाभ के योग बनेंगे। शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में निवेश कर सकते हैं। लंबे समय से अटके पैसे और कर्ज वापस मिलने की उम्मीद है। कार्यस्थल पर पदोन्नति और सम्मान में वृद्धि हो सकती है। भाई-बहनों के साथ रिश्ते मजबूत होंगे। विद्यार्थियों के लिए लाभकारी हो सकता है।
कब लगता है सूर्य ग्रहण?
- ज्योतिष के मुताबिक, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है, तो सूर्य ग्रहण लगता है।
- जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक लाइन में सीधे नहीं होते। इस कारण चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढक पाता है, वही अन्य सूर्य ग्रहण में लोकेशन के कारण भी आंशिक सूर्य ग्रहण दिखता है।
- वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी से दूर हो। तब यह पूरी तरह सूर्य को ढक नहीं पाता, जिस कारण हमें सूर्य ग्रहण के दौरान आसमान में एक ‘आग की रिंग’ दिखती है।
- हाइब्रिड सूर्य ग्रहण को वलयाकार-पूर्ण ग्रहण कहा जाता है। इसमें यह सूर्य को पूरी तरह ढंकता है, लेकिन कुछ हिस्सा खुला रह जाता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)