Chitragupt Puja 2023: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि पर चित्रगुप्त पूजा होती है। इस दिन लेखनी, दवात, बहीखाता इत्यादि की पूजा करते हैं। द्वितीया तिथि का आरंभ 14 नवंबर दोपहर 2:36 बजे हो रहा है, इसका समापन 15 नवंबर 1:47 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार 15 नवंबर बुधवार को चित्रगुप्त पूजा है। मान्यताएं हैं कि इस दिन कलम दवात और भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है। कारोबार में लाभ होता है। शिक्षा के क्षेत्र में तरक्की होती है।
पूजा की थाली में शामिल करें ये चीजें
इस दिन पूजा की थाली में कलम, दवात, सफेद कागज, तुलसी के पत्ते , शहद, गंगाजल, धूप, अक्षत, पीले रंग के वस्त्र, खाताबही, धूप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, पीली सरसों, तिल, मिठाई, दीप, फूल, माला, चंदन इत्यादि चीजें शामिल करें।
पूजा की विधि
- सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- पंचामृत से भगवान चित्रगुप्त का अभिषेक करें।
- फूल, माला, वस्त्र, फल, नैवेद्य, धूप, अक्षत इत्यादि चीजें अर्पित करें।
- दवात, कलम और खाताबही चढ़ाएं। पहले पन्ने पर स्वास्तिक बनाएं और “श्री गणेशाय नमः” लिख लें। इनकी पूजा रखें।
- एक सफेद कागज पर “ॐ चित्रगुप्ताय नमः” को 11 बार लिखें।
- महाराज चित्रगुप्त की आरती करें।
इन मंत्रों का करें जाप
- “ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः” का जाप पूजा के लिए करें।
- प्रार्थना के लिए “मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्” और “लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।” का जाप करें।
( Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो मान्यताओं और अन्य माध्यम पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)