Kalashtami 2024: हिंदू धर्म में, कालाष्टमी का पर्व भगवान काल भैरव, तंत्र-मंत्र के देवता, को समर्पित है। यह पर्व प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष ज्येष्ठ माह में कालाष्टमी 30 मई को पड़ रही है। इस दिन भक्त भगवान काल भैरव की विशेष पूजा करते हैं, उनसे मनोकामना मांगते हैं, और शुभ फल की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। मान्यता है कि भगवान काल भैरव की उपासना करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं, भय और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है, और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
कैसे करें काल भैरव अष्टक का पाठ
1. स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल छिड़कें।
3. दीपक जलाएं और धूप जलाएं।
4. भगवान काल भैरव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
5. काल भैरव यंत्र (यदि हो तो) प्रतिमा के सामने रखें।
6. फूल, फल और मिठाई भोग के रूप में अर्पित करें।
7. शांत बैठकर काल भैरव अष्टक का पाठ श्रद्धा और भक्तिभाव से करें।
8. प्रत्येक श्लोक के बाद “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
9. पाठ पूर्ण करने के बाद भगवान काल भैरव की आरती करें।
10. भोग का प्रसाद ग्रहण करें।
काल भैरव अष्टक का पाठ करने के क्या-क्या लाभ होते हैं
काल भैरव अष्टक का पाठ करने से भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है। का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। काल भैरव भय और शत्रुओं से रक्षा प्रदान करते हैं। काल भैरव अष्टक का पाठ करने से काल भैरव यंत्र के समान लाभ प्राप्त होते हैं। काल भैरव अष्टक का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति मिलती है। काल भैरव अष्टक का पाठ करने से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है। काल भैरव अष्टक का पाठ करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। काल भैरव अष्टक का पाठ करने से एकाग्रता में वृद्धि होती है। काल भैरव अष्टक का पाठ करने से धन-दौलत में वृद्धि होती है।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)