हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग भक्ति-भाव के साथ भगवान शिव और माँ पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। हर साल फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस साल 26 फरवरी को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025) मनाई जाएगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि बेहद ही विशेष होने वाली है। ग्रहों और नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन इस दिन बुध का उदय होने जा रहा है। शकुनी करण धनिष्ठा नक्षत्र, और पारीघ योग का निर्माण हो रहा है। मकर राशि में रहेंगे। चतुरग्रही योग का निर्माण भी होगा। ऐसे अद्भुत संयोग करीब 60 साल बाद बन रहा है। इस संयोग का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। कुछ राशियों को खूब लाभ होगा।
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इन राशियों को होगा लाभ (Mahashivratri Rashifal)
- मिथुन राशि के जातकों के लिए इस बार की महाशिवरात्रि भाग्य के द्वार खोलेगी। धन से जुड़ी समस्याएं दूर होगी। सुख और समृद्धि में वृद्धि होगी। घर-परिवार में खुशहाली आएगी। पिता का सहयोग प्राप्त होगा। माता के साथ संबंध अच्छे होंगे। वैवाहिक जीवन सुखमय होगा।
- मेष राशि के जातकों पर भी भगवान शिव की कृपा विशेष कृपा बरसने वाली है। भाग्य का साथ मिलेगा। धन लाभ के प्रबल योग बन रहे हैं। इच्छाओं की पूर्ति हो सकती है। करियर और कारोबार में भी लाभ होगा। इनकम में वृद्धि होगी।
- सिंह राशि के जातकों के लिए भी महाशिवरात्रि लाभकारी सिद्ध होगी। कारोबार से जुड़े लोगों को इस दौरान मुनाफा होगा। कार्य क्षेत्र में लाभ होगा। प्रमोशन के योग बन रहे हैं। लंबे समय से अटका हुआ पैसा वापस आ सकता है। कर्ज से छुटकारा मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।
ऐसे करें पूजा (Mahashivratri Puja Vidhi)
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें। मंदिर की सफाई करें। व्रत का संकल्प लें। पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर सफेद या लाल रंग का वस्त्र बिछाएँ। शिव और पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। गंगाजल, दूध, दही, गन्ने का रस इत्यादि चीजें अर्पित करें। घी का दीपक जलाएं। बेलपत्र, धतूरा, फूल, भंग और मिठाई अर्पित करें। भोलेनाथ को चंदन का टीका अवश्य लगाएं। मां-पार्वती को सिंदूर के साथ सुहाग की सामग्री अर्पित करें। मंत्रों का जाप करें। आरती के साथ पूजा संपन्न करें। भोग का वितरण करें। इस दिन शिवलिंग का अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है। शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)