यूनीफाइड पेमेंट इंटफेस (UPI) से जुड़े नियमों में बदलाव हुआ है। 1 मार्च 2025 से यूजर्स नया फीचर मिलेगा। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने पॉलिसीहोल्डर्स को यूपीआई के जरिए प्रीमियम की राशि को ब्लॉक करने करने की अनुमति दी है।
यूपीआई पर बीमा-एएसबी (ब्लॉक राशि द्वारा समर्थित आवेदन) की सुविधा शुरू होगी। इसके जरिए पॉलिसीहोल्डर्स प्रीमियम के लिए धनराशि को अलग से रख पाएंगे। इस संबंध में आईआरडीएआई ने सर्कुलर जारी किया है। इस पहल का उदेश्य जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के लिए भुगतान की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है। इस फीचर से तत्काल डेबिट के बिना सुचारु ट्रांजेक्शन को सुनिश्चित किया जा सकता है।

कैसे काम करेगा फीचर?
इस सुविधा के तहत बीमा कंपनी निवेशकों को यूपीआई के जरिए बैंक में निश्चित राशि ब्लॉक करने के लिए “वन-टाइम मैंडेट” ऑफर कर सकती है। इंश्योरेंस प्रोपॉजल स्वीकार होने से पहले पॉलिसिहोल्डर बीमा कंपनियों को धनराशि ब्लॉक करने की अनुमति दे सकते हैं। जब बीमा कंपनी मंजूरी देगी तभी पैसे डेबिट होंगे। हालांकि यदि प्रस्ताव स्वीकार न होने पर ब्लॉक की गई धनराशि ग्राहकों को वापस मिल जाएगी। बता दें कि पैसा तब तक ग्राहकों के खाते में रहता है जब तक बीमाकर्ता इंश्योरेंस आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार नहीं कर लेता है। इस दौरान इस पैसा का इस्तेमाल अन्य किसी काम के लिए नहीं किया जा सकता है। यह ब्लॉक 15 दिनों तक लागू रहता है। इसके बावजूद ब्याज मिलता रहता है।
बीमा कंपनियां ग्राहकों को देंगी विकल्प
आईआरडीएआई ने निर्देशानुसार सभी बीमा कंपनियों को यह सुविधा प्रदान करनी होगी। प्रस्ताव फॉर्म में एक ऑप्शन उपलब्ध होगा। जिसमें पॉलिसिहोल्डर्स बीमाकर्ता को यूपीआई के जरिए बैंक खाते में धनराशि ब्लॉक करने की अनुमति दे सकते हैं। हालांकि यह अनिवार्य नहीं होगा। यदि कोई ग्राहक इस सुविधा को नहीं चुनता है तो बीमा के लिए उसका प्रस्ताव अस्वीकार नहीं किया जाएगा।