Rang Panchami 2024: रंग पंचमी के अवसर पर प्रेम के रंग में रंगे राधा कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय, जीवन में आएगी खुशहाली

Rang Panchami 2024: रंग पंचमी का त्योहार प्रेम, भक्ति और खुशी का प्रतीक है। इस दिन भगवान श्री राधा-कृष्ण की पूजा करें और रंगों से खेलें। उपरोक्त उपायों का पालन करके आप अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Rang Panchami 2024: रंग पंचमी होली के बाद आने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार प्रेम, भक्ति और खुशी का प्रतीक है। इस दिन भक्त भगवान श्री राधा-कृष्ण की पूजा करते हैं और रंगों से खेलते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। साल 2024 में रंग पंचमी की शुरुआत 29 मार्च को रात में 8 बजकर 20 पर हो रही है वहीं इसका समापन 30 मार्च को रात 9 बजकर 13 पर होगा। हिंदू धर्म में हर त्यौहार उदया तिथि के अनुसार मनाया जाता है ठीक इसी प्रकार रंग पंचमी का त्यौहार भी 30 मार्च को मनाया जाएगा। रंग पंचमी भगवान श्री कृष्णा और राधा की प्रेम का प्रतीक है। रंग पंचमी एक सामाजिक त्योहार भी है। इस दिन लोग एक दूसरे के साथ रंगों से खेल कर भाईचारे और प्रेम का बंधन मजबूत करते हैं।

श्री राधा-कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए उपाय

पूजा: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। राधा-कृष्ण की मूर्ति या चित्र को स्नान कराएं और उन्हें सुंदर वस्त्र, फूल, माला और फल अर्पित करें। दीप प्रज्वलित करें और भक्ति गीत गाएं।

आरती: राधा-कृष्ण की आरती करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

मंत्र जाप: “राधे-कृष्ण” मंत्र का 108 बार जाप करें।

व्रत: कुछ भक्त रंग पंचमी के दिन व्रत रखते हैं।

दान: गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

रंगों से खेलें: रंग पंचमी का मुख्य आकर्षण रंगों से खेलना है। अपने परिवार और दोस्तों के साथ रंगों से खेलें और खुशी मनाएं।

कैसे करें भगवान श्री कृष्ण की आरती

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,

बजावै मुरली मधुर बाला ।

श्रवण में कुण्डल झलकाला,

नंद के आनंद नंदलाला ।

गगन सम अंग कांति काली,

राधिका चमक रही आली ।

लतन में ठाढ़े बनमाली

भ्रमर सी अलक,

कस्तूरी तिलक,

चंद्र सी झलक,

ललित छवि श्यामा प्यारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,

देवता दरसन को तरसैं ।

गगन सों सुमन रासि बरसै ।

बजे मुरचंग,

मधुर मिरदंग,

ग्वालिन संग,

अतुल रति गोप कुमारी की,

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,

सकल मन हारिणि श्री गंगा ।

स्मरन ते होत मोह भंगा

बसी शिव सीस,

जटा के बीच,

हरै अघ कीच,

चरन छवि श्रीबनवारी की,

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,

बज रही वृंदावन बेनू ।

चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू

हंसत मृदु मंद,

चांदनी चंद,

कटत भव फंद,

टेर सुन दीन दुखारी की,

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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