Thu, Dec 25, 2025

Paush Putrada Ekadashi 2023: साल 2023 का पहला एकादशी व्रत कल, इन नियमों का करें पालन

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
Paush Putrada Ekadashi 2023: साल 2023 का पहला एकादशी व्रत कल, इन नियमों का करें पालन

Paush Putrada Ekadashi 2023 : नया साल यानि साल 2023 की शुरूआत हो चुकी है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी बहुत खास होती है। हर महीने के दोनों पक्षों में एकादशी का व्रत रखा जाता है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में नए साल के पहला महत्वपूर्ण व्रत यानि एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाने वाला पौष पुत्रदा एकादशी व्रत बहुत ही फलदायी होता है।

यह व्रत नए साल में कल यानि 2 जनवरी के दिन रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की आराधना करने से भक्तों को सन्तान से संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिलता है और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। शास्त्रों में इस विशेष दिन के सन्दर्भ में कुछ नियमों को भी बताया गया है, जिनका पालन करने से व्यक्ति सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त कर लेता है। आइए जानते हैं इसे करने के नियम, व्रत करने

इस मंत्र का करें उच्चारण

मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ मंत्रों का जाप करने से बहुत लाभ मिलता है। ऐसा करने से जीवन की कई समस्याएं दूर होती है। तुलसी की माला से “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करने से ढेरों फायदे होते हैं।

इन चीजों का दान माना जाता है शुभ

पीले वस्त्र और पीली चीजें भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होता है। मोक्षदा एकादशी के दिन पीली वस्तुओं का दान करना बहुत शुभ माना गया है। इस दिन ब्राह्मण या किसी जरुरतमन्द व्यक्ति को पीली वस्तुओं का दान करें। ऐसा करने से मनोकामना पूरी होती है और भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम

  • शास्त्रों में बताया गया है कि पुत्रदा एकादशी पर निर्जला या फलाहारी उपवास रखने से बहुत लाभ मिलता है।
  • जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हैं, वह निर्जला उपवास न रखें। वह इस दिन फलाहारी व्रत का पालन करें।
  • एकादशी व्रत रखने से पहले दशमी तिथि से ही व्रत संबंधित नियमों का पालन करें इसलिए दशमी तिथि को भी सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
  • एकादशी के दिन जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु का स्मरण करें। इस दिन अपना पूरा ध्यान भजन-कीर्तन और श्रीहरि की आराधना में लगाएं।
  • व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करें और और किसी के लिए भी मन में नकारात्मक भाव ना रखें। साथ ही इस दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए। इस नियम का पालन न करने से अशुभ प्रभाव पड़ता है।
  • एकादशी तिथि के दिन मांस, मदिरा का सेवन करना वर्जित है। ऐसा करने से श्रीहरि एवं माता लक्ष्मी क्रोधित होते हैं और व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।

Disclaimer: इस खबर का उद्देश्य केवल शिक्षित करना है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज इन बातों का दावा नहीं करता। यह मन्यताओं पर आधारित है। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।