Pitru Paksha 2023 : पितृपक्ष में भूलकर भी न करें ये कार्य, पूर्वज हो सकते हैं नाराज

Pitru Paksha 2023 : पितृपक्ष चल रहे हैं और ये 15 दिन अपने पितरों का श्राद्ध करने और उनके लिए धार्मिक कार्य तथा दान पुण्य करने के लिए होते हैं। हिंदू धर्म में इस दौरान अनेक कार्य करने की मनाही है। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके पूर्वज अप्रसन्न हो सकते हैं। आज हम बताने जा रहे हैं कि पितृपक्ष में क्या करना वर्जित है।

पितृपक्ष में न करें ये कार्य

  • धार्मिक मान्यतानुसार इन दिनों में नया मकान, वाहन, जमीन, कपड़े, गहने आदि नहीं खरीदना चाहिए।
  • इसी के साथ नई झाड़ू भी नहीं खरीदना चाहिए। माना जाता है कि झाड़ू में लक्ष्मी जी का वास होता है। वहीं नमक की खरीदारी से भी मना किया जाता है। इसी के साथ सरसो का तेल खरीदना भी मना है। झाड़ू, नमक और सरसो का तेल खरीदने पर त्रिदोष लगता है। लेकिन इन वस्तुओं का दान किया जा सकता है।
  • पितृपक्ष में शराब और मांसाहार पर सख्त मनाही है। इस दौरान चित्त को पवित्र रखना चाहिए और किसी भी तरह के तामसिक पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • बैंगन, प्याज, लहसन, मूली, लौकी, खीरा, करेला, काला नमक, सत्तू, जीरा खाने से भी मना किया जाता है। मान्यता है कि इससे पितर नाराज होते हैं।
  • इस दौरान बासी भोजन नहीं करना चाहिए। रोज घर का बना ताजा और सादा भोजन करना चाहिए।
  • इस दौरान किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, दुकान आदि का मुहूर्त करने पर मनाही है।
  • पितृपक्ष में किसी भी तरह का जुआ न खेलें, पैसे दांव पर न लगाएं। झूठ न बोलें और किसी का दिल न दुखाएं। अपशब्द बोलने और छल कपट करने से पूर्वज नाराज हो सकते हैं।
  • इन दिनों अगर आपके दरवाजे पर कोई भिखारी, साधु, गाय या कुत्ता आता है तो उसे भोजन दें। किसी को भी खाली हाथ न लौटाएं।
  • इस दौरान भड़कीले संगीत, मेकअप और वस्त्रों से दूरी बनाएं रखें और सादगीपूर्ण आचरण करें।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News