Rajbhang Rajyog : वैदिक ज्योतिष में जातकों के जीवन को पूरी तरह से समझने के लिए कुंडली का इस्तेमाल किया जाता है। हर व्यक्ति के जीवन में कुंडली का काफी ज्यादा महत्व होता है। कुंडली में मौजूद योग जातकों को राजा से रंक बना देते हैं। कुछ योग ऐसे होते हैं जो जातकों का जीवन बदल के रख देते हैं, तो कुछ योग ऐसे होते हैं जो जातकों के जीवन में संघर्ष खड़े कर देता है।
अगर जन्म कुंडली में खराब योग मौजूद होता है तो वह दुर्भाग्यशाली माना जाता है। उसकी वजह से जातकों का जीवन पूरा संघर्षों में बीत जाता है। हालांकि यह योग जातकों के पूर्व जन्मों के फल की वजह से बनते हैं। आज हम आपको एक ऐसे राजयोग के बारे में बताने जा रहे हैं जो जातकों को राजयोग के शुभ प्रभाव से वंचित कर देता है। वो राजयोग है राजभंग योग। ये योग जातकों की कुंडली के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
अगर किसी जातक की कुंडली में ये राजयोग होता है तो उसके जीवन में अशुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। हालांकि कई जातकों को इसकी वजह से शुभ परिणाम भी देखने को मिलते हैं। ये योग ग्रहों के हिसाब से फल देता है। चलिए जानते हैं क्या होता राजभंग योग और कैसे होता है कुंडली में इसका निर्माण?
जानें Rajbhang Rajyog के बारे में
अगर कुंडली में राजभंग योग का निर्माण होता है तो उसे कुंडली में राजयोग का बना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि राजयोग बनाने के बाद उस योग का भंग होना राजभंग योग कहलाया जाता है। ग्रहों के गोचर से कुंडली में राजयोग का निर्माण होता है। दरअसल, कुंडली के केंद्र त्रिकोण स्वामी ग्रहों के बीच आपस में युति या स्थान परिवर्तन संबंध बनता है, तो जातक की कुंड़ली में राजभंग राजयोग बनता है। केंद्र त्रिकोण के स्वामियों के बीच बनने वाला योग मुख्य रूप से राजयोग माना जाता है।
लेकिन जब सूर्य तुला राशि में दस से कम अंशों का होता है तो राजभंग योग कुंडली में बनता है। इसके अलावा लग्न से छठे भाव में सूर्य तथा चंद्रमा और उनपर शनि की दृष्टि हो तब भी इस योग का निर्माण होता है। वहीं जब लग्न से छठे भाव में सूर्य तथा चंद्रमा हो और शनि की दृष्टि तो भी ये योग बनता है। इसके अलावा चंद्रमा और मंगल मेष राशि में मौजूद हो और शनि की दृष्टि हो और उसे कोई अन्य शुभ ग्रह न देखता हो तब भी इस योग का निर्माण होता है। ऐसे और भी कारण है जब राजभंग योग का निर्माण कुंडली में होगा है।
क्या फल देता है राजभंग योग
कहा जाता है कि अगर जातक की कुंडली में राज भंग योग बनता है तो उसे कुंडली में बनने वाले सभी शुभ योग का प्रभाव कम होने लगता है। वहीं जातकों को शुभ फल की प्राप्ति भी नहीं होती है। इतना ही नहीं जन्म कुंडली में यदि राज भंग योग होता है तो वह प्रबल योगी का नाश कर देता है, जिसकी वजह से जातकों को दरिद्री, कामी, क्रोधी, सौभाग्यहीन से गुजरना पड़ता है।
इतना ही नहीं ऐसे जातक आलसी, विवादी, पाप कामों से जुड़े रहने वाले, दुष्टमातम तथा निंदक माने जाते हैं। यह उनकी कुंडली में मौजूद राज भंग योग की वजह से होता है। जातकों को अच्छे परिणाम भी नहीं मिल पाते हैं। इस राजभंग योग को ठीक करने के लिए कई उपाय भी बताए गए हैं जिन्हें करने से आपको फायदा मिल सकता है।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।