Sawan 2024: हिंदू धर्म में सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना और आध्यात्मिक जागरण का विशेष समय होता है। इस दौरान श्रद्धालु व्रत रखते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के अनुष्ठान करते हैं। क्या आप जानते हैं कि आप अपने घर के मंदिर में कुछ सरल वास्तु उपाय अपनाकर भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं?
घर का मंदिर वह पवित्र स्थान होता है, जहां हम शांति और आध्यात्मिक सुकून की तलाश में जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर को दिशा, स्वरूप और साज-सज्जा के हिसाब से सजाने पर पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। सावन के पावन अवसर पर वास्तु के सिद्धांतों को अपनाकर आप अपने घर के मंदिर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं और आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के द्वार खुल सकते हैं। आइए जाने-माने ज्योतिषविद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से, कि सावन के महीने में आप अपने घर के मंदिर में कौन-कौन से वास्तु उपाय कर सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर आप भगवान शिव की कृपा पा सकते हैं और अपने जीवन में सदैव सुख-शांति बनाए रख सकते हैं।
ईशान कोण में रखें मंदिर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दिशाओं का ऊर्जा प्रवाह पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ईशान कोण, जो कि उत्तर-पूर्व दिशा में होता है, सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। इस दिशा में मंदिर रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे शांति, समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही, ईशान कोण को देवताओं का वास माना जाता है। इस दिशा में मंदिर स्थापित करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मन को शांति मिलती है।
सावन में ईशान कोण का महत्व
सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दौरान ईशान कोण में मंदिर स्थापित करके पूजा-पाठ करने से कई विशेष लाभ मिलते हैं। ईशान कोण देवताओं का निवास स्थान माना जाता है, और इस दिशा में मंदिर रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ईशान कोण में पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह भी बढ़ता है, जिससे आध्यात्मिक विकास में सहायता मिलती है। ईशान कोण में स्थापित मंदिर में सच्चे मन से की गई पूजा से मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद मिलता है।
आम के पत्तों का तोरण लगाएं
सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना और आध्यात्मिक उन्नति का विशेष समय होता है। इस दौरान, घर के मंदिर में आम के पत्तों का तोरण लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। आम के पत्तों का विशेष महत्व होता है और इन्हें मंदिर में लगाने से कई शुभ फल प्राप्त होते हैं।
आम के पत्तों का महत्व
आम के पत्तों में सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण करने की क्षमता होती है। जब इन्हें मंदिर में लगाया जाता है, तो वे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाते हैं, जिससे शांति, समृद्धि और खुशहाली आती है। आम के पत्ते नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में भी मदद करते हैं। माना जाता है कि इन पत्तों में मौजूद प्राकृतिक तेल नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और घर के वातावरण को शुद्ध करते हैं। आम के पत्ते सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। इन्हें मंदिर में लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। आम के पत्ते आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होते हैं। इन पत्तों को मंदिर में लगाने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है, जिससे आध्यात्मिक प्रगति में मदद मिलती है।
मूर्तियों की दिशा
सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना का विशेष समय होता है। इस दौरान, घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियों की सही दिशा में स्थापना करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। देवी-देवताओं की मूर्तियाँ या चित्र का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। पूजा करते समय भक्त का मुख भी पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर ही होना चाहिए। भूलकर भी दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजा नहीं करनी चाहिए।
सावन में पूजा
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की भी पूजा करना आवश्यक होता है। पूजा के दौरान भगवान शिव की मूर्ति को बीच में रखें और माता पार्वती की मूर्ति उनके बाईं ओर रखें। मूर्तियों को सीधे जमीन पर न रखें, बल्कि थोड़ी ऊंची चौकी पर रखें।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)