आज सावन (Sawan) का दूसरा दिन है। ये महीना शिवजी (Lord Shiva) को बेहद प्रिय है। इस महीने में शिव पार्वती का मिलान हुआ था। ऐसे में सावन के महीने में जो भी सच्चे मन से शिवजी की पूजा अर्चना करता है उसकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है। क्या आप जानते है भोलेनाथ को अलग अलग नामों से जान जाता है। भोलेनाथ के कई नाम है जैसे भैरव, महाकाल, शंभु, नटराज, शंकर, महेश्वर, शम्भू, वामदेव, श्रीकण्ठ आदि। भोलेनाथ को कुल 108 नामों से जाना जाता है।
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वहीं भोलेनाथ के दर्शन के लिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी होती है। सिर्फ एक ही मंदिर नहीं सावन के इस पवित्र माह में हर मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ होता है। ऐसे में आज हम आपको सावन के महीने के कुछ खास मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां के सिर्फ दर्शन मात्र से ही भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। तो चलिए जानते है –
ये है वो सभी प्रमुख मंदिर –
केदारनाथ मंदिर
केदारनाथ मंदिर सबसे पहले पांडवों ने बनवाया था। जिसके बाद ये मंदिर गायब हो गया। कहा जाता है कि ये मंदिर करीब 400 सालों तक बर्फ में रहा किसी को भी नहीं मिला। ऐसे में फिर गुरु शंकराचार्य ने मंदिर का दोबारा निर्माण किया। मंदिर के पीछे उनकी समाधि है। उसके बाद 10वीं सदी में मालवा के राजा भोज और 13वीं सदी में फिर मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया।
अमरनाथ गुफा
ये मंदिर 3888 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। कहा जाता है कि इस ही गुफा में शिव जी ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। ये मंदिर सबसे लोकप्रिय है। इस मंदिर के दर्शन करने मात्र से ही भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। यहां बर्फ से हर साल शिवलिंग बनता है जिसके दर्शन करने के लिए लाखों लोग दूर दूर से आते है।
काशी विश्वनाथ मंदिर
यूपी के वाराणसी में बना काशी विश्वनाथ मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। सावन के महीने में इस मंदिर में काफी ज्यादा भीड़ रहती है। ये 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। ये मंदिर गंगा नदी के तट पर बना हुआ है।
महाकालेश्वर मंदिर
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां सावन के महीने में भक्तों का तांता लगा हुआ देखने को मिलता है। यहां की भस्म आरती देखें के लिए श्रद्धालुओं में काफी ज्यादा चाहत रहती है। आपको बता दे, इस मंदिर में देवता स्वायंभु लिंगम की मूर्ति स्थापित है।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर
नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। ये भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां ब्रह्मगिरि पर्वत से पुण्यसलिला गोदावरी नदी मंदिर के पास से निकलती है। इस मंदिर का निर्माण बाजी राव ने करवाया था।