Shani Dosh Upay: हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। वे कर्मफलदाता के रूप में भी जाने जाते हैं, अर्थात वे व्यक्ति के कर्मों के अनुसार उसे फल देते हैं। जो व्यक्ति अच्छा कार्य करता है उसे अच्छा फल प्राप्त होता है। वही जो व्यक्ति बुरे कर्म करता है उसे बुरा फल प्राप्त होता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि शनि देव मोक्ष प्रदाता भी है, वे व्यक्ति को उसके कर्मों से मुक्ति दिलाकर मोक्ष प्रदान करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनि की महादशा और साढ़ेसाती को व्यक्ति के जीवन में कठिन समय माना जाता है। इस दौरान व्यक्ति को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इसी के चलते आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि आप किस प्रकार शनि की महादशी और साढ़ेसाती को खत्म कर सकते हैं। जब व्यक्ति शनि की महादशा और साढ़ेसाती से गुजरता है तो वह धीरे-धीरे बर्बाद होने लगता है। ज्योतिष शास्त्र में साढ़ेसाती से बचने के लिए कई उपाय बताए गए हैं जिनके बारे में आज हम आपको इस लेख के द्वारा विस्तार से बताएंगे, बताए गए इन उपायों में से आप कोई सा भी उपाय कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं।
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए
- सोमवार का दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। शास्त्रों में भी सोमवार को भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। सोमवार के दिन प्रात, स्नान ध्यान करके भगवान शिव का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए आप गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, बेल पत्र, आंकड़े के फूल आदि का उपयोग कर सकते हैं। अभिषेक करते समय “ॐ नमः शिवय” मंत्र का जाप करें। भगवान शिव की पूजा के बाद शनि चालीसा का पाठ करें। शनि चालीसा का पाठ करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है।
- हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को देव वृक्ष माना जाता है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, शनिदेव, और अन्य देवी-देवताओं का वास होता है। साथ ही, पीपल के पेड़ को पितृगणों का निवास भी माना जाता है। इसलिए, शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। शनिवार के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। पीपल के पेड़ के पास जाकर दीपक जलाएं और धूप करें। पीपल के पेड़ पर जल, दूध और गंगाजल अर्पित करें। पीपल के पेड़ को कलावा बांधें। पीपल के पेड़ के चारों ओर परिक्रमा करें। पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनिदेव और माता लक्ष्मी की पूजा करें। शनिदेव और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। पीपल के पेड़ को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें। गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें।
- शनि की साढ़े साती के दौरान नमक का सेवन कम करने से कुछ लोगों को लाभ मिल सकता है। ज्योतिष शास्त्र में, नमक को राहु ग्रह से जुड़ा माना जाता है, और राहु, शनि का ही एक प्रतिनिधि माना जाता है। यह माना जाता है कि शनि की साढ़े साती के दौरान नमक का सेवन कम करने से राहु का प्रभाव कम होता है, जिससे शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है।
- शनि दोष के कारण विवाह में बाधाएं आ सकती हैं। ज्योतिष शास्त्र में, शनि ग्रह को विवाह में बाधा डालने वाला ग्रह माना जाता है। यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है और आपको विवाह में बाधाएं आ रही हैं, तो आप शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को ये उपाय कर सकते हैं। शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। थोड़ी सी काली राई लें और उसे नए काले कपड़े में बांध लें। पीपल के पेड़ की जड़ में जाकर एक गड्ढा खोदें। काली राई से बंधी पोटली को गड्ढे में रखें। गड्ढे को मिट्टी से भर दें और पानी डालें। पीपल के पेड़ को प्रणाम करें और विवाह होने की प्रार्थना करें। हर शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करें और पानी दें।(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)