Shardiya Navratri 2023 : नवरात्रि का त्योहार साल में दो बार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। साल की पहली नवरात्रि को चैत्र और दूसरी को शारदीय नवरात्रि के नाम से जानते हैं। शारदीय नवरात्रि का त्योहार 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दौरान लोग भक्ति गीतों का गायन, माता की चालीसा और अन्य पूजा पाठ का आयोजन करते हैं। इसके अलावा, भक्तों का व्रत और उपवास भी होता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको कुछ उपाय बताते हैं जिसे अपनाकर आप माता दुर्गा के साथ-साथ मांं लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
पहली चीज
धार्मिक और पौराणिक परंपराओं में कमल का फूल हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसका संकेत शुभता, पवित्रता, सुंदरता और पूर्णता की प्रतीक होता है। देवी लक्ष्मी जो समृद्धि, धन, सौभाग्य की प्रतिष्ठा की जाती है। कमल का फूल देवी लक्ष्मी के आवागमन का प्रतीक होता है और उनके आशीर्वाद मिलता है। नवरात्रि के दौरान घर में कमल के फूल लाएं। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा घर-परिवार पर हमेशा बनी रहती है।
दूसरी चीज
चांदी या सोने के सिक्के को नवरात्रि के दौरान घर में रखने का परंपरागत महत्व होता है और इसे शुभ माना जाता है। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। दरअसल, सिक्कों पर देवी लक्ष्मी या भगवान गणेश की प्रतिमा होती है। इसलिए, यह परिवार के सुख-शांति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके।
तीसरी चीज
आप नवरात्रि के दौरान घर में ऐसी तस्वीर लाएं जिसमें माता लक्ष्मी के हाथों से धन की वर्षा हो रही हो। इससे आपके घर में समृद्धि और धन की वर्षा होगी। मां का आर्शीवाद भी प्राप्त होगा।
चौथी चीज
मोर का पंख हिन्दू धर्म में देवी सरस्वती के वाहन के रूप में माना जाता है। सरस्वती देवी ज्ञान, कला, शिक्षा और संगीत की देवी हैं। नवरात्री के दौरान मोर पंख को घर में स्थापित करने से ध्यान और शिक्षा में स्थायितता, संगीत में उन्नति और बुद्धि में वृद्धि की प्राप्ति होती है। इसे आप पूजा घर में भी लगा सकते हैं।
पांचवी चीज
नवरात्र में श्रद्धा और भक्ति के साथ सोलह श्रृंगार का सामान घर में या मंदिर में स्थापित करें या मां के चरणों में अर्पित करें। सोलह श्रृंगार के सामान में हैर, अदोणी, नेत्रमेखला, नथ, बिचुए, मेहंदी, बिचुए, अंगूठी, बिचुए, काजल, चूड़ी, कंघी, जुड़ा, कमरबंद आदि शामिल होते हैं। ये सामान देवी माता के पूजन के दौरान उनके पूजा-अर्चना के दौरान उपयोग में लाए जाते हैं। जिससे मां लक्ष्मी की कृपा घर-परिवार पर बनी रहती है।
पूजन विधि
- पूजा के लिए स्थान को सफाई करें और उसे सजाएं।
- कलश सजाने के लिए एक पात्र में पानी डालें, उसमें गंगा जल या साफ पानी मिला सकते हैं।
- उसमें फूल, अक्षत, नारियल, चावल, रोली, चावल आदि डालें।
- कलश की ऊपर मूर्ति या तस्वीर को रखें।
- दीपक को जलाएं, धूप और अगरबत्ती दें।
- मंत्रों की जप के दौरान माला का प्रयोग करें।
- मां का ध्यान करें।
- पूजा पाठ की पुस्तक से मंत्रों की पाठ करें।
- फल, मिष्ठान और प्रसाद की पूजा करें।
- पूजा के बाद परिवार के सदस्यों में प्रसाद बांटें।
पूजन सामग्री
- माता दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर
- पूजा की थाली
- कलश
- रोली
- अक्षत
- पुष्प
- दीपक
- धूप और अगरबत्ती
- पूजनीय वस्त्र (चन्दन, कुमकुम, सुहाग, बिचुए, हार, काजल, मेहंदी, अंगूठी, चूड़ी, बिचुए, आदि)
- पूजा पाठ की पुस्तक (दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा)
- जप माला
- फल और मिष्ठान
- पूजा के बाद खाने के लिए प्रसाद
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)