धर्म, डेस्क रिपोर्ट। चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) और सूर्यग्रहण (Solar Eclipse)के बाद अब गुरुवार 24 जून को ग्रीष्म संक्राति के बाद पड़नी वाली पहली पूर्णिमा को स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon 2021) दिखाई देने वाला है। कल यानि गुरुवार ज्येष्ठ पूर्णिमा का चंद्रमा विशाल आकार में दिखाई देगा। शाम लगभग 7 बजे पूर्व दिशा में जब चंद्रमा उदित होगा तो उसका आकार सामान्य पूर्णिमा के चंद्रमा की तुलना में बड़ा होगा और चमक भी अधिक होगी। इसका यह नाम उदित होते फुलमून के लालिमा के कारण तथा कुछ क्षेत्रों में इस समय खिलने वाले गुलाब के कारण दिया गया है।
Strawberry Moon 2021: अब 24 जून को दिखेगा स्ट्रॉबेरी मून, जानें क्या है इसके पीछे का रहस्य
नेशनल अवार्ड से सम्मानित विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि यह खगोलीय घटना सुपरमून कहलाती है। यह इस साल का तीसरा सुपरमून होगा। ज्येष्ठ पूर्णिमा के इस मून को पश्चिमी देशों में स्ट्रॉबेरी की हार्वेस्टिंग का मौसम होने के कारण स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon 2021) नाम दिया गया है। इसे हनी मून (Honey Moon) भी कहते हैं क्योंकि इस समय वहां हनी हार्वेस्ट करने के लिये तैयार हो जाता है। यूरोपीय देशों में जून्स फुलमून भी नाम दिया जाता है। पश्चिमी देशों में इसे रोजमून भी कहा जाता है।
सारिका ने बताया कि चद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा अंडाकार पथ पर करते हुये 3.61.885 किमी से कम दूरी पर रहता है तो उस समय पूर्णिमा का चांद सुपरमून (Strawberry Moon 2021) कहलाता है। यह माइक्रोमून की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार दिखता है।सुपरमून को यादगार बनाने क्षितिज से उदित हो रहे चंद्रमा की फोटोग्राफी की जा सकती है। मून इलुजन की घटना के कारण चंद्रमा विशाल गोले के रूप में दिखेगा।
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सारिका (National Award winning science broadcaster Sarika Gharu) ने बताया कि 1948 को पड़े सुपरमून के बाद चंद्रमा और पृथ्वी के बीच सबसे कम दूरी का अनुभव करने के लिये 25 नवम्बर 2034 तक का इंतजार करना होगा। सुपरमून को यादगार बनाने क्षितिज से उदित हो रहे चंद्रमा की फोटोग्राफी की जा सकती है। मून इलुजन की घटना के कारण चंद्रमा विशाल गोले के रूप में दिखेगा। इस सुपरमून की फोटोग्राफी कर सकते हैं।
आखिर क्या होता है सुपरमून
भारत सरकार (Indian Government) से नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा गोलकार पथ में नहीं करता। यह अंडाकार पथ में घूमते हुए जब पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, इसे पेरीजी कहते हैं। जब पूर्णिमा और पेरिजी की घटना एक साथ होती हैं तो वह सुपरमून या स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon 2021) होता है। पृथ्वी के पास आ जाने के कारण यह अन्य माइक्रोमून पूर्णिमा की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखाई देता है।
क्या कहता है हिन्दू पंचाग
हिंदू पंचांग के मुताबिक स्ट्राबेरी मून वसंत ऋतु की अंतिम पूर्णिमा और ग्रीष्म ऋतु (summer season) की पहली पूर्णिमा का प्रतीक है।यह नाम प्राचीन अमेरिकी जनजातियों से मिला है। अमेरिका (America) के किसानों (Farmers) के अनुसार जून में स्ट्रॉबेरी उगाने के सीजन होता है इसी वजह से वो पूर्ण चांद के दिखने को ‘स्ट्रॉबेरी मून’ कहते हैं। यूरोप में स्ट्रॉबेरी मून को रोज मून कहते हैं, जो गुलाब की कटाई का प्रतीक है। उत्तरी गोलार्ध में इसे गर्म चंद्रमा भी कहते हैं क्योंकि यह भूमध्य रेखा के उत्तर में गर्मी के मौसम की शुरुआत करता है।
पिछले और आने वाले सबसे बड़े और नजदीकी सुपरमून
दिनांक पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी
26 जनवरी 1948 356,461 किमी
25 नवम्बर 2034 356,445 किमी
सुपरमून फोटोग्राफी के टिप्स :
* शाम को 7 बजे अपने घर की छत पर जायें।
* रखने के लिये अपने स्मार्टफोन को टाइपाॅड पर फिक्स करे।
* फ्लैश लाईट का इस्तेमाल न करें।
* एचडीआर मोड का इस्तेमाल करें।
* फोटो को जूम कर न खींचे।
* आपके फोन के अधिकतम रेजोल्यूशन पर ही फोटो लें।
* फ्रेम ब्राईट होने से बचाने के लिये नाईट मोड का इस्तेमाल न करें।
* सुपरमून के सामने फोटो में किसी थीम को शाामिल करें।
चंद्रोदय का समय :
भोपाल – 18ः57
होशंगाबाद – 18ः54
अम्बिकापुर -18ः32