Sunday Special: मन लगाकर पढ़ने के बाद भी नहीं आते हैं अच्छे मार्क्स, करें ये 10 मिनट का काम, जल्द मिलेगा लाभ

Sunday Special: रविवार सूर्य देव की उपासना का विशेष दिन है। इस दिन सूर्य स्तोत्र का पाठ करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह स्तोत्र आपके करियर में तरक्की, व्यापार में वृद्धि, धन-धान्य की प्राप्ति, स्वास्थ्य में सुधार और शत्रुओं पर विजय दिलाने में सहायक हो सकता है।

भावना चौबे
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Sunday Special: हिंदू धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवताओं को समर्पित होता है। आज रविवार है और रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है। सूर्य देव सृष्टि के संचालक और ऊर्जा के स्रोत हैं। वे जीवनदायी हैं और जगत को प्रकाश प्रदान करते हैं। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन उनकी पूजा-उपासना करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। सूर्य स्तोत्र एक ऐसा स्तोत्र है जो सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। इस स्तोत्र का पाठ करने से करियर में पढ़ाई में उन्नति, तरक्की, व्यापार में वृद्धि, धन-धान्य की प्राप्ति, स्वास्थ्य में सुधार, और शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।

रविवार को पूजा के समय

सूर्य स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। रविवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। सूर्य देव की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और फल, फूल, और मिठाई का भोग लगाएं। ध्यान लगाकर स्तोत्र का पाठ करें।

सूर्य अष्टोत्त्तर शतनामावली स्तोत्रम

सूर्योर्यमा भगस्त्वष्टा पूषार्क: सविता रवि: ।
गभस्तिमानज: कालो मृत्युर्धाता प्रभाकर: ।।

पृथिव्यापश्च तेजश्च खं वयुश्च परायणम ।
सोमो बृहस्पति: शुक्रो बुधोsड़्गारक एव च ।।

इन्द्रो विश्वस्वान दीप्तांशु: शुचि: शौरि: शनैश्चर: ।
ब्रह्मा विष्णुश्च रुद्रश्च स्कन्दो वरुणो यम: ।।

वैद्युतो जाठरश्चाग्निरैन्धनस्तेजसां पति: ।
धर्मध्वजो वेदकर्ता वेदाड़्गो वेदवाहन: ।।

कृतं तत्र द्वापरश्च कलि: सर्वमलाश्रय: ।
कला काष्ठा मुहूर्ताश्च क्षपा यामस्तया क्षण: ।।

संवत्सरकरोsश्वत्थ: कालचक्रो विभावसु: ।
पुरुष: शाश्वतो योगी व्यक्ताव्यक्त: सनातन: ।।

कालाध्यक्ष: प्रजाध्यक्षो विश्वकर्मा तमोनुद: ।
वरुण सागरोsशुश्च जीमूतो जीवनोsरिहा ।।

भूताश्रयो भूतपति: सर्वलोकनमस्कृत: ।
स्रष्टा संवर्तको वह्रि सर्वलोकनमस्कृत: ।।

अनन्त कपिलो भानु: कामद: सर्वतो मुख: ।
जयो विशालो वरद: सर्वधातुनिषेचिता ।।

मन: सुपर्णो भूतादि: शीघ्रग: प्राणधारक: ।
धन्वन्तरिर्धूमकेतुरादिदेवोsअदिते: सुत: ।।

द्वादशात्मारविन्दाक्ष: पिता माता पितामह: ।
स्वर्गद्वारं प्रजाद्वारं मोक्षद्वारं त्रिविष्टपम ।।

देहकर्ता प्रशान्तात्मा विश्वात्मा विश्वतोमुख: ।
चराचरात्मा सूक्ष्मात्मा मैत्रेय करुणान्वित: ।।

एतद वै कीर्तनीयस्य सूर्यस्यामिततेजस: ।
नामाष्टकशतकं चेदं प्रोक्तमेतत स्वयंभुवा ।।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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