Nagchandreshwar Temple: रात 12 बजे खोले गए नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट, साल में एक बार दर्शन करने उमड़ी भक्तों की भारी भीड़

Nagchandreshwar Temple: गुरूवार रात 12 बजे महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित नागचंद्रेश्वर ‎मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए गए। दरअसल साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी के दिन भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने का अवसर भक्तों को प्राप्त होता है।

Rishabh Namdev
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Nagchandreshwar Temple: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट गुरुवार की आधी रात को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले गए। दरअसल यह दुर्लभ अवसर साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी के दिन मिलता है, जब भक्तों को भगवान शिव और नागदेवता के इस अद्वितीय मंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है। बता दें कि भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

दरअसल गुरुवार रात 12 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही, सबसे पहले श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरिजी महाराज और श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने त्रिकाल पूजा की शुरुआत की। वहीं इस पूजा के दौरान भगवान नागचंद्रेश्वर को विशेष भोग अर्पित किया गया। लगभग एक घंटे तक चले इस धार्मिक अनुष्ठान के बाद, आम भक्तों के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए गए।

एक अनूठा धार्मिक स्थान

बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर के ऊपर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर की विशेषता यह है कि इसके द्वार केवल एक बार, नागपंचमी के अवसर पर ही खुलते हैं। यह मंदिर भगवान शिव और नागदेवता की आराधना का प्रमुख स्थल है, और इसकी इस विशेषता के कारण हर साल नागपंचमी के दिन लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।

दरअसल गुरुवार रात 10 बजे से ही नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की बड़ी संख्या में भीड़ जुटने लगी थी। जैसे ही मंदिर के द्वार खुले, श्रद्धालुओं ने भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन का लाभ लिया। भक्तों के दर्शन का यह क्रम अगले 24 घंटे तक, यानी शुक्रवार रात 12 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान, महाकाल मंदिर में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जो इस पवित्र अवसर पर उज्जैन पहुंचे सकते हैं।

नागचंद्रेश्वर मंदिर दर्शन के लिए विशेष व्यवस्थाएं

नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए निर्धारित मार्ग बनाए गए हैं। प्रवेश मार्ग भील समाज धर्मशाला से शुरू होकर गंगा गार्डन, चारधाम मंदिर पार्किंग, जिगजैग, हरसिद्धि चौराहा होते हुए रुद्रसागर की दीवार के पास से विक्रम टीला होकर बड़ा गणेश मंदिर के सामने से गेट नंबर 4 और 5 के रास्ते विश्रामधाम और एयरो ब्रिज के जरिए होगा।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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