Lunar Eclipse 2021: इस दिन लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, भारत पर क्या पड़ेगा असर?

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भारत में एक बार फिर चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse 2021) लगने वाला है। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर शुक्रवार को सुबह 11 बजकर 34 मिनट में लगेगा और शाम को 5 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।हालांकि इसका असर पूरे भारत पर नहीं दिखाई देगा। यह अरुणाचल प्रदेश और असम के चरम उत्तर-पूर्वी हिस्सों से चंद्रोदय के ठीक बाद बहुत कम समय के लिए दिखाई देगा। वहीं अमेरिका, आस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया और उत्तरी यूरोप में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी होगी और इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है।

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दरअसल, पंचाग और ज्योतिष के अनुसार, 2021 में पूरे 4 ग्रहण (eclipse 2021) लगेंगे।इसमें 2 सूर्यग्रहण और 2 चंद्रग्रहण शामिल है, मई और जून तक में दो ग्रहण लग चुके हैं और अब नवंबर और दिसंबर में दो ग्रहण लगना बाकी है। दूसरा चंद्रग्रहण 19 नवबंर 2021 और सूर्यग्रहण 4 दिसंबर 2021 को लगेगा।ज्योतिष मुताबिक, 19 नबंवर 2021 को लगने वाला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2021) भारतीय समय के अनुसार दोपहर लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर लगेगा। इस ग्रहण का समापन शाम 05 बजकर 33 मिनट पर होगा।इस महीने 19 तारीख को लगनेवाला चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने पर ही सूतक काल मान्य होता है, चूंकि यह उपछाया चंद्र ग्रहण है इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।

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कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला यह चंद्र ग्रहण आंशिक रहेगा।अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा।इससे पहले साल का पहला चंद्रग्रहण 26 मई 2021 और सूर्यग्रहण 10 जून 2021 लग चुका है, हालांकि दोनों का भारत (India) में आंशिक असर देखने को मिला था। एक तरफ जहां चंद्रग्रहण उत्तर-पूर्व राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में दिखाई दिया था वही सूर्यग्रहण अरुणाचल प्रदेश में नजर आया था। दोनों ग्रहण की अवधि 5-5 घंटे की रही।

क्या होता है सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण

चंद्रमा के पृथ्वी व सूर्य के बीच आने पर सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती, इस कारण सूर्य का बिम्ब ढ़क जाने को ही सूर्यग्रहण कहा जाता है। जबकि पृथ्वी के सूर्य व चंद्रमा के बीच में आने की स्थिति को चंद्रग्रहण कहा जाता है, ऐसी स्थिति में चंद्रमा लाल नजर आता है जिसे ब्लड मून कहते हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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