Mokshada Ekadashi 2023 : मोक्षदा एकादशी हिन्दू पंचांग में महत्त्वपूर्ण एकादशी में से एक है। यह एकादशी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है जो कि इस साल 22 दिसंबर को है। मोक्षदा एकादशी का अर्थ “मोक्ष का दाता” होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है ताकि वे सभी पापों से मुक्ति प्रदान करें और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान उपवास, भजन-कीर्तन, पूजा-अर्चना किए जाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु का स्मरण किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस बार मोक्षदा एकादशी पर इन दुर्लभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिससे भक्तों को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको शुभ मुहूर्त एवं योग के बारे में बताते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण कितने बजे होगा?
- सुबह 07 बजकर 10 से शुरू होगा
- संध्याकाल 09 बजकर 36 पर समाप्त
रवि योग का निर्माण कितने बजे होगा?
- प्रात: काल 07:10 से शुरू होगा
- संध्याकाल 09:36 पर समाप्त
शिव योग का निर्माण कितने बजे होगा?
- सुबह 11 बजकर 11 मिनट से प्रारंभ
- अगले दिन 23 दिसंबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर समापन
जानें पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त?
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 16 पर शुरु होकर अगले दिन यानि 23 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगा। इसके बाद भक्त 23 दिसंबर को दोपहर 01 बजकर 22 मिनट से 03 बजकर 25 मिनट तक व्रत पारण कर सकते हैं।
जानिए मोक्षदा एकादशी का महत्व?
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, मोक्षदा एकादशी का उपवास अत्यंत पुण्यदायक होता है। इस व्रत का अनुसरण करने से न केवल व्रती को फल की प्राप्ती होती है, बल्कि इससे आपके परिवार और पूर्वजों को भी लाभ मिलता है। यह समय आत्मा के शुद्धि और आध्यात्मिक विकास के लिए उत्तम होता है। इस व्रत को रखने से लोगों को पापों से मुक्ति मिलती है और उन्हें सुख-शांति प्राप्त होती है। भगवान विष्णु की पूजा और एकादशी व्रत धारण करने से साधक को आध्यात्मिक और मानसिक शांति मिलती है। इसके जरिए व्यक्ति अपने अंतरंग दुःखों से मुक्ति प्राप्त करता है और भगवान के आशीर्वाद से उसकी जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)