Ravi Pradosh Vrat: रवि प्रदोष व्रत के दिन बन रहे ये खास योग, करें ये काम, भगवान शिव होंगे प्रसन्न

Ravi Pradosh Vrat: रवि प्रदोष व्रत भगवान शिव की भक्ति और कृपा प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है। यदि आप अपनी मनोकामनाएं पूरी करना चाहते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको रवि प्रदोष व्रत अवश्य रखना चाहिए।

Bhawna Choubey
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Ravi Pradosh Vrat: रवि प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की प्रदोष तिथि को किया जाता है। 2024 में, रवि प्रदोष व्रत 21 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन खासतौर पर भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। रविवार के दिन पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। शिव पुराण में रवि प्रदोष व्रत के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। ऐसा कहा जाता है कि यह व्रत रखने से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही साथ साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

रवि प्रदोष व्रत का मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 20 अप्रैल, रात 10:41 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 21 अप्रैल, रात 1:11 बजे
प्रदोष काल: 21 अप्रैल, शाम 6:51 बजे से 9:02 बजे तक
शिव पूजा का मुहूर्त: 21 अप्रैल, शाम 6:51 बजे से 9:02 बजे तक

रवि प्रदोष व्रत का महत्व

रवि प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम माध्यम माना जाता है। इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रवि प्रदोष व्रत से कुंडली में मौजूद दोष दूर होते हैं।यह व्रत विवाह, संतान, धन-दौलत और सफलता प्राप्ति के लिए भी लाभदायी होता है।

बन रहे ये शुभ योग

यह व्रत सर्वार्थ सिद्ध योग, रवि योग, अमृत सिद्ध योग, अभिजीत मुहूर्त, कौलव करण योग, शिववास योग और तैतिल करण योग जैसे अनेक शुभ योगों से युक्त होगा। इस व्रत के दिन शिववास योग होने से भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से फलदायी होगी। इस व्रत के दिन तैतिल करण योग होने से इस व्रत का फल स्थायी होगा। इन शुभ योगों का प्रभाव इस व्रत को और भी अधिक फलदायी बना देगा।

रवि प्रदोष व्रत की विधि

1. रवि प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
2. पूजा स्थान को साफ करके भगवान शिव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
3. दीपक जलाएं और धूप करें।
4. भगवान शिव को गंगाजल, दूध, बेल पत्र, फल और फूल अर्पित करें।
5. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
6. शिव चालीसा का पाठ करें।
7. पूरे दिन व्रत रखें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
8. सूर्यास्त के बाद व्रत खोलें।

शिव प्रदोष स्तोत्र

जय देव जगन्नाथ जय शंकर शाश्वत ।

जय सर्वसुराध्यक्ष जय सर्वसुरार्चित ।।

जय सर्वगुणातीत जय सर्ववरप्रद ।

जय नित्यनिराधार जय विश्वम्भराव्यय ।।

जय विश्वैकवन्द्येश जय नागेन्द्रभूषण ।

जय गौरीपते शम्भो जय चन्द्रार्धशेखर ।।

जय कोट्यर्कसंकाश जयानन्तगुणाश्रय ।

जय भद्र विरुपाक्ष जयाचिन्त्य निरंजन ।।

जय नाथ कृपासिन्धो जय भक्तार्तिभंजन ।

जय दुस्तरसंसारसागरोत्तारण प्रभो ।।

प्रसीद मे महादेव संसारार्तस्य खिद्यत: ।

सर्वपापक्षयं कृत्वा रक्ष मां परमेश्वर ।।

महादारिद्रयमग्नस्य महापापहतस्य च ।

महाशोकनिविष्टस्य महारोगातुरस्य च ।।

ऋणभारपरीतस्य दह्यमानस्य कर्मभि: ।

ग्रहै: प्रपीड्यमानस्य प्रसीद मम शंकर ।।

दरिद्र: प्रार्थयेद् देवं प्रदोषे गिरिजापतिम् ।

अर्थाढ्यो वाऽथ राजा वा प्रार्थयेद् देवमीश्वरम् ।।

दीर्घमायु: सदारोग्यं कोशवृद्धिर्बलोन्नति: ।

ममस्तु नित्यमानन्द: प्रसादात्तव शंकर ।।

शत्रव: संक्षयं यान्तु प्रसीदन्तु मम प्रजा: ।

नश्यन्तु दस्यवो राष्ट्रे जना: सन्तु निरापद: ।।

दुर्भिक्षमारिसंतापा: शमं यान्तु महीतले ।

सर्वसस्यसमृद्धिश्च भूयात् सुखमया दिश: ।।

एवमाराधयेद् देवं पूजान्ते गिरिजापतिम् ।

ब्राह्मणान् भोजयेत् पश्चाद् दक्षिणाभिश्च पूजयेत् ।।

सर्वपापक्षयकरी सर्वरोगनिवारिणी ।

शिवपूजा मयाख्याता सर्वाभीष्टफलप्रदा ।।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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