राहु के अशुभ प्रभावों से छुटकारा दिलाएगा ये खास रत्न, धारण करते समय इन नियमों का करें पालन

Diksha Bhanupriy
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Gemstone: हर व्यक्ति की कुंडली में 9 ग्रह मौजूद होते हैं, वह उसके जीवन पर गहरा प्रभाव डालने का काम करते हैं। ग्रहों की शुभ स्थिति अच्छे तो अशुभ स्थिति बुरे परिणाम देती है। राहु एक ऐसा ग्रह है, जिसका बुरा असर व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है और उसके मन को अशांत बना देता है। व्यक्ति कोई भी काम करने के लिए जाता है तो उसे आत्मविश्वास की कमी महसूस होती है और लगातार असमंजस की स्थिति बनी रहती है।

रत्न शास्त्र एक ऐसी विद्या है जिसमें कई रत्नों का उल्लेख दिया गया है। जिन्हें अगर सही तरीके से धारण किया जाए तो राहु दोष से मुक्ति मिल सकती है। नियम के मुताबिक अगर आप इस रत्न को धारण करेंगे तो जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली का आगमन होगा और हर तरफ पॉजिटिविटी नजर आएगी चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं।

धारण करें गोमेद

राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए गोमेद रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इसे धारण करते ही व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है और उसके अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है और राहु की स्थिति मजबूत होने से आने वाली सभी बाधाएं दूर होने लगती है। जो लोग अपने करियर में तरक्की के लिए राह देख रहे हैं और बाधाओं का सामना कर रहे हैं उन्हें तरक्की मिल जाती है और जीवन में सुख शांति का आगमन होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति गोमेद पहना है उसे बुरी नजर नहीं लगती है। अगर आप भी राहु दोष की परेशानियों से गुजर रहे हैं तो ज्योतिष से सलाह लेने के बाद इस रत्न को धारण कर सकते हैं।

गोमेद धारण करने के नियम

  • गोमेद आपको चांदी के साथ अंगूठी या फिर पेंडेंट के तौर पर पहनना चाहिए।
  • इस रत्न को पहनने के दौरान अगर ग्रह नक्षत्र और शुभ समय का ध्यान रखा जाए तो अच्छा रहेगा। इसे आर्दा, शतभिषा या फिर स्वाति नक्षत्र में पहनना शुभ होता है।
  • इसे धारण करने का सही दिन शनिवार है। विधि विधान से शनिवार के दिन पहना गया रत्न लाभकारी होता है।
  • इसे धारण करने से पहले गंगाजल, दूध और शहद के मिश्रण में डुबोकर भगवान के समक्ष रखें।
  • शनिवार को अगर इस रत्न को धारण करना है, तो शुक्रवार को ही इसे डुबोकर रख देना चाहिए।अगले दिन स्नान आदि के बाद साफ कपड़े से पोछ कर धारण करना चाहिए।
  • आप चाहते हैं कि यह रत्न आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ दे तो आपको राहु मंत्र का 108 बार जप करते हुए इसे धारण करना होगा। ये मध्यमा उंगली में पहना जाता है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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