Vastu Tips: सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। घर के निर्माण से लेकर किसी वस्तु को किसी दिशा में रखना चाहिए तब का वर्णन वास्तु शास्त्र में किया गया है। आज हम खासतौर पर घर की टॉयलेट के बारे में जानेंगे। अक्सर कई लोगों के घर में सीढ़ियों के नीचे टॉयलेट होती है। क्या आपके भी घर में ऐसा ही है? अगर हां, तो आज हम आपको बताएंगे कि सीढ़ियों के नीचे टॉयलेट होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए? यह केवल चीजों को सही जगह रखने और दिशाओं का निर्धारण करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वास्तु शास्त्र का उपयोग करके हम अपने घर और कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ा सकते हैं, नकारात्मकता को कम कर सकते हैं, और समग्र स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशी प्राप्त कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करके हम अपने जीवन में सकारात्मकता, खुशहाली और समृद्धि ला सकते हैं। घर में टॉयलेट के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण नियम निर्धारित किए गए हैं।
सीढ़ियों के नीचे क्यों नहीं होनी चाहिए बाथरूम
नकारात्मक ऊर्जा: सीढ़ियां ऊर्जा के प्रवाह का प्रतिनिधित्व करती हैं, और टॉयलेट को अशुद्ध माना जाता है। जब आप टॉयलेट को सीढ़ियों के नीचे रखते हैं, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह ऊपर की ओर ले जाता है, जिससे घर में नकारात्मकता और तनाव बढ़ सकता है।
धन हानि: वास्तु शास्त्र में, धन का देवता कुबेर उत्तर-पश्चिम दिशा में निवास करता है। यदि आप इस दिशा में टॉयलेट बनाते हैं, तो यह कुबेर को नाराज कर सकता है और धन हानि का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य समस्याएं: सीढ़ियों के नीचे टॉयलेट से स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, खासकर पेट से संबंधित। इसके अलावा, यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
असफलता: वास्तु शास्त्र के अनुसार, सीढ़ियां तरक्की और सफलता का प्रतीक हैं। जब आप टॉयलेट को सीढ़ियों के नीचे रखते हैं, तो यह आपकी प्रगति में बाधा डाल सकता है और आपको सफलता प्राप्त करने से रोक सकता है।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)