Vastu: बाथरूम में इन गलतियों से उत्पन्न होते हैं वास्तु दोष, जाने निवारण के उपाय

Manisha Kumari Pandey
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धर्म, डेस्क रिपोर्ट। घर के वास्तु शास्त्र (Vastu) का जीवन में बहुत महत्व होता है। यदि घर की वास्तु (House vastu) सही ना हो तो जीवन में परेशानियां होती है और मेहनत के बाद भी मनचाही सफलता नहीं मिलती। बाथरूम भी घर का ही एक भाग होता है, इसलिए इससे बाथरूम के वास्तु (Bathroom vastu)  का भी खास ख्याल रखना होता है। यदि बाथरूम के वास्तु में दोष हो तो व्यक्ति के जीवन में इससे जुड़ी कई परेशानियां सामने आ खड़ी होती है और कई कोशिशों के बाद भी यह परेशानियां खत्म नहीं होती इसलिए वास्तु दोष का ध्यान रखना और उसका निवारण करना बहुत जरूरी होता है।

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इन गलतियों को करें इंकार

बाथरूम के निर्माण के समय भी वास्तु शास्त्र का खास खयाल रखना चाहिए, क्योंकि यह भी घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यदि आपके घर का निर्माण हो रहा हो या फिर कोई रिनोवेशन का काम चल रहा हो तो इस दौरान बाथरूम के वास्तु का खास ख्याल रखें। बाथरूम की दिशा सही नहीं हो तो इससे वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जो आपके जीवन में बुरे प्रभाव डाल सकता है। काला, पर्पल, मरून और नीले रंग की बाल्टी या मग बाथरूम में ना रखें। साथ ही बाथरूम को किचन से दूर बनाए। बेडरूम और बाथरूम दोनों की दिशा अलग होनी चाहिए।

दरवाजे का रखें खास ख्याल

बाथरूम के दरवाजे कभी भी प्लास्टिक और लोहे के नहीं बनवाने चाहिए, ना ही इसका दरवाजा टूटा होना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बाथरूम में लकड़ी का दरवाजा लगाना सबसे शुभ माना जाता है और कोशिश करें कि आप बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखें। बाथरूम में कभी भी पौधे को लगाने की गलती ना करें।

इन उपायों से खत्म हो सकता है वास्तु दोष
  • ज्योति शास्त्र के मुताबिक बाथरूम के वास्तु दोष को खत्म करने के लिए अनेक उपाय होते हैं । यदि आपके बाथरूम में दोष उत्पन्न हो गया है तो, शीशे की एक बर्तन में नमक डालकर बाथरूम में रख दें।
  • बाथरूम के शीशे का मुह यदि दरवाजे की तरफ है तो इसे बदल लें।
  • यदि अब तक गलती रंग की बाल्टी या मग का इस्तेमाल कर रहे हैं तो बदल दें।
  • गीजर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को दक्षिण पूर्व दिशा में दिशा में लगाएं।
  • बाथरूम का निर्माण करते समय ईशान कोण को छोड़कर किसी अन्य हिस्से में करवाएं।

Disclaimer: इस खबर का उद्देश्य भ्रम फैलाना नहीं है, यह केवल शिक्षित करने के लिए है। कृपया विद्वानों की सलाह जरूर लें।   


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