खेल, डेस्क रिपोर्ट। ‘उम्र एक संख्या मात्र है ‘, ये कहावत हमने बहुत बार सुनी है और ये वास्तव में सच भी है, समय-समय पर उम्र के अंतिम पड़ाव पर लोगों ने सनसनीखेज कारनामें कर इसे सिद्ध भी किया है।
ऐसा ही एक जुनून और कभी ना हारना वाला उदहारण कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भी देखने को मिला, जहां 75 साल की उम्र में एक नेत्रहीन एथलीट ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर इतिहास हो रच दिया। यह और स्पेशल तब हो जाता है, जब पता चलता है कि 75 साल और आठ महीने के जॉर्ज मिलर देख ही नहीं सकते। वह कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में पदक जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए। पैरा लॉन बाउल के मिक्स्ड इवेंट फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने स्कॉटलैंड को मात देकर गोल्ड मेडल जीता और मिलर इसी टीम का हिस्सा थे।
इससे पहले यह रिकॉर्ड उनकी हमवतन रोजमेरी लेंटन के नाम था, जिन्होंने मिलर के पदक जीतने से मात्र दो दिन पहले ही 72 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ मेडल अपने नाम किया था। लेंटन ने भी पैरा लॉन बाउल के युगल में गोल्ड मेडल जीता।
मेलानी इन्स, मिलर और स्किपर सारा जेन की अगुवाई वाली टीम ने यहां विक्टोरिया पार्क में पैरा मिक्स्ड पेयर बी2/बी3 में स्कॉटलैंड की वेल्स पर 16-9 से जीत दर्ज की थी।
इस उपलब्धि के बाद उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि रोजमेरी काफी खुश है, उन्हें कोई परेशानी नहीं है मेरे सबसे ज्यादा उम्र में मेडल जीतने से।”
खेल में शामिल होने के इच्छुक वृद्ध लोगों के लिए उन्होंने कहा, “बुजुर्ग लोगों के लिए बाउल्स काफी आसान हैं, लेकिन कोई भी खेल, चलना, फुटबॉल, रग्बी, आप इसे नाम दें, वहां से बाहर निकलें, व्यायाम करें, खेल खेलें। प्रतिस्पर्धा शानदार है चाहे आप किसी भी उम्र के हों।”