IND vs SA 3rd : टीम इंडिया ने 7 विकेट से जीता मैच, सीरीज पर 2-1 से किया कब्जा

Amit Sengar
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नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। भारत और दक्षिण अफ्रीका (ind vs sa) के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज का तीसरा मैच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला गया। जहाँ भारतीय टीम के कप्तान शिखर धवन ने टॉस जीतकर मैच भी जीत लिया। साथ ही सीरीज 2-1 से जीत लिया है। ये 12 साल के बाद पहला मौका है, जब भारतीय टीम ने अपनी सरजमीं पर साउथ अफ्रीका से कोई वनडे सीरीज जीती है। इससे पहले 2010 में टीम इंडिया ने आखिरी बार 2-1 से सीरीज जीता था। वहीं, 2015 में धोनी की कप्तानी में 5 मैचों की वनडे सीरीज में भारत को 2-3 से हार मिली थी।

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आपको बता दें कि तीसरे वनडे में टीम इंडिया ने 7 विकेट से जीत दर्ज की। पहले बल्लेबाजी करते हुए पूरी अफ्रीकी टीम 27.1 ओवर में 99 रन पर ऑलआउट हो गई। ये साउथ अफ्रीका का भारत के खिलाफ सबसे छोटा स्कोर है। इससे पहले 1999 में भारत ने अफ्रीकी टीम को 117 रन पर ऑलआउट किया था। भारत के लिए सबसे ज्यादा 4 विकेट कुलदीप यादव ने लिए। वहीं, शाहबाज अहमद, मोहम्मद सिराज और वाशिंगटन सुंदर को 2-2 विकेट मिले।

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जवाब में भारत ने 19.1 ओवर में 3 विकेट खोकर टारगेट हासिल कर लिया। सबसे ज्यादा 49 रन शुभमन गिल ने बनाए। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका का चौथा सबसे छोटा स्कोर है। सबसे ज्यादा 34 रन हेनरिच क्लासेन ने बनाए। उनके अलावा यानेमन मलान (15 रन) और मार्को जैन्सन (14 रन) ही दहाई का आंकड़ा छू पाए। भारत के लिए सबसे ज्यादा चार विकेट कुलदीय यादव ने लिए। इसके अलावा शाहबाज अहमद, मोहम्मद सिराज और वॉशिंगटन सुंदर को दो-दो विकेट मिले।

दोनों टीम इस प्रकार है-
टीम इंडिया: शिखर धवन (कप्तान), शुभमन गिल, ईशान किशन, श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन (विकेटकीपर), वाशिंगटन सुंदर, शाहबाज अहमद, शार्दूल ठाकुर, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज और आवेश खान।

साउथ अफ्रीका: क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), यानेमन मलान, रीजा हेंड्रिक्स, एडेन मार्करम, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर (कप्तान), मार्को जैन्सन, एंडिले फेहलुकवायो, ब्योर्न फोर्तूइन, लुंगी एनगिडी, एनरिक नोर्त्या।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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