रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने चर्चित गेंदबाज मोहम्मद सिराज को रिटेन लिस्ट में शामिल नहीं किया। जिसके बाद सभी RCB फैंस इस फैसले से हैरान रह गए थे। वही मेगा ऑक्शन में भी टीम ने मोहम्मद सिराज को शामिल करने की इच्छा नहीं दिखाई। टीम ने सिराज के लिए राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल भी नहीं किया। जिसके चलते मोहम्मद सिराज को गुजरात टाइटंस की टीम ने अपने टीम में शामिल कर लिया।
गुजरात टाइटन की टीम ने मोहम्मद सिराज को 12.25 करोड रुपए में खरीद लिया। हालांकि मोहम्मद सिराज के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 10 करोड रुपए तक की बोली लगा दी थी, लेकिन फैंस को उम्मीद थी कि राइट टू मैच कार्ड के जरिए रॉयल चैलेंजर्स की बेंगलुरु (RCB) की टीम मोहम्मद सिराज को अपनी टीम में लौटा लेगी लेकिन मैनेजमेंट ने ऐसा नहीं किया।
मो बोबट ने इस बात से पर्दा उठाया
इसके बाद RCB के फैंस के मन में यह बड़ा सवाल उठने लगा कि मोहम्मद सिराज को टीम में शामिल क्यों नहीं किया गया? वहीं अब इस बात से पर्दा उठ गया है। दरअसल रॉयल चैलेंज बेंगलुरु के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट में मो बोबट ने इस बात से पर्दा उठा दिया है। उन्होंने हाल ही में ईएसपीएन क्रिकइंफो को दिए एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया है और कहा है कि सिराज को रिटेन नहीं करने का फैसला हमने बेहद सोच समझ कर लिया है। मो बोबट के अनुसार टीम की पहली प्राथमिकता भुवनेश्वर कुमार को खरीदना थी जिसके चलते मोहम्मद सिराज को रिलीज करना पड़ा।
RCB ने क्यों नहीं जोड़ा टीम में?
दरअसल मो बोबट ने कहा कि “सिराज ने आरसीबी (RCB) के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। उनको रिटेन नहीं करने का फैसला बेहद मुश्किल था, लेकिन हमारा लक्ष्य मेगा ऑक्शन में भुवनेश्वर कुमार को टीम में शामिल करना था। भुवनेश्वर हमारी लिस्ट में सबसे ऊपर आते थे और उन्हें खरीदने के लिए हमें रणनीति बनाना पड़ी।” मो बोबट ने कहा कि “मेगा ऑक्शन के समय ऐसा मोमेंट आया जब भुवनेश्वर को पाने के लिए सिराज को राइट टू मैच कार्ड के जरिए टीम में नहीं जोड़ा जा सका।” बता दें कि मोहम्मद सिराज 2018 से 2024 तक रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम का हिस्सा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कुल 87 आईपीएल मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 83 विकेट अपने नाम की है।