यशस्वी जायसवाल ने हासिल की नई उपलब्धि, केएल राहुल को पीछे छोड़ बने दूसरे बल्लेबाज

इंग्लैंड के खिलाफ पहले दिन का खेल खत्म होने तक यशस्वी जायसवाल ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 70 गेंदों में 76 रनों की नाबाद पारी खेली। जिसके बदौलत उन्होंने एक नई उपलब्धि हासिल की।

Yashasvi Jaiswal

Ind vs Eng: भारत और इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मुकाबला हैदराबाद में खेला जा रहा है। जहां टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने अपनी पहली पारी को 246 रनों के स्कोर पर खत्म की। वहीं भारत ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 23 ओवरों में 1 विकेट गंवाकर 119 रन बनाई। इस दौरान सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। जिसके कारण उन्होंने एक नई उपलब्धि हासिल की।

भारत के दूसरे बल्लेबाज बने यशस्वी

यशस्वी जायसवाल ने अपने लय में खेलते हुए ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। पहले दिन का खेल खत्म होने तक यशस्वी जायसवाल ने 108.57 के स्ट्राइक रेट से 70 गेंद पर 3 छक्कों और 9 चौकों की मदद से 76 रन बनाकर क्रीज पर बने हुए हैं। वहीं इस पारी के बदौलत उन्होंने एक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। बता दें पहले दिन का खेल खत्म होने तक फील्डिंग करने के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसर भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।

इस मामले में सर्वाधिक रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज

  • गौतम गंभीर- 2005- 95 रन नाबाद
  • यशस्वी जायसवाल- 2024- 76 रन नाबाद
  • केएल राहुल- 2016- 75 रन नाबाद

रोहित शर्मा ने 24 रन बनाकर आउट

भारत की तरफ से पहली पारी की शुरूआत यशस्वी जायसवाल और कप्तान रोहित शर्मा ने की। इस दौरान कप्तान रोहित 27 गेंदों में 3 चौकों की मदद से 24 रन बनाकर जल्दी पवेलियन लौट गए हैं। वहीं यशस्वी के साथ क्रीज पर शुभमन गिल है। गिल 43 गेंदों में 1 चौके की मदद से 14 रन पर खेल रहे हैं।

 


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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