Ind vs Eng: इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट में यशस्वी जायसवाल लगाएंगे कई रिकॉर्ड, 34 साल पुराना तोड़ेंगे रिकॉर्ड

यशस्वी जायसवाल ने चार टेस्ट मैचों में कुल 655 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने दो बार दोहरा शतकीय पारी भी जड़े हैं। वहीं इस मैच में यशस्वी के पास पहले भारतीय बल्लेबाज बनने का मौका भी है।

Yashasvi Jaiswal

Yashasvi Jaiswal Test Run: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जाएगा। हालांकि सीरीज में भारत 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है। वहीं भारत के युवा और सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने कमाल की गेंदबाजी की है। इस दौरान यशस्वी ने कई बड़े रिकॉर्ड्स तोड़ने में कामयाबी हासिल की है। इसी सिलसिले में यशस्वी आखिरी मैच में भी एक बड़ा रिकॉर्ड बनाने में कामयाब हो सकते हैं।

यशस्वी जायसवाल तोड़ेंगे 34 साल पुराना रिकॉर्ड

यशस्वी जायसवाल ने चार टेस्ट मैचों में कुल 655 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने दो बार दोहरा शतकीय पारी भी जड़े। वहीं आखिरी मैच में अगर 98 रन बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो वह 34 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। बता दें कि साल 1990 में इंग्लैंड और भारत के बीच खेले गए तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में ग्राहम गूच ने 752 रनों की पारी खेली थी। इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए यशस्वी को महज 98 रनों की और दरकार है।

इस मामले में बनेंगे पहले भारतीय बल्लेबाज

यशस्वी जायसवाल अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में 1000 रन पूरा करने से महज 29 रन दूर हैं। अगर यशस्वी 29 रन बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो अपने 9वें टेस्ट मैच में ही 1000 रन पूरा कर लेंगे। वहीं ऐसा करने वाले भारत के पहले बल्लेबाज बन जाएंगे।

सुनील गावस्कर का भी तोड़ेंगे रिकॉर्ड

इसके साथ ही यशस्वी जायसवाल भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का भी रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। बता दें सुनील गावस्कर एक टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने वाले भारत के पहले बल्लेबाज हैं। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ साल 1971 में खेले गए टेस्ट सीरीज में कुल 774 रन बनाए थे। वहीं 774 रनों के पार करने के लिए यशस्वी को सिर्फ 120 रनों की दरकार है।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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