Tiktok Ban in America: साल 2016 में आया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक को चीन ने लॉन्च किया गया था। साल 2020 आते आते ये दुनिया का नंबर वन ऐप बन गया था। एक वक्त था जब ये पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया। इस ऐप का सबसे बड़ा मार्केट भारत बन गया था। लेकिन इससे होने वाले खतरे को जानकर भारत ने इसे सबसे पहले बैन कर दिया। वो भी तब जब ये सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहा था। वहीं अब भारत के इस फैसले के बाद अमेरिका भी टिक टॉक पर बैन लगाने जा रहा है।
टिक टॉक पर बैन लगा सकता है अमेरिका
भारत में टिक टॉक के बैन के फैसले को अब दुनिया के कई देश सही ठहरा रहे है। उनका कहना है कि ये चीनी ऐप उनके देश के लिए खतरा बन सकता है। इस खतरे से बचने के लिए यूरोपीय और अमेरिकी जैसे अपन देश में इस ऐप को बैन करने वाले है। टिक टॉक पर इटली ने पहले से ही 11 मिलियन डॉलर का फाइन लगाया है। इटली एंटीट्रस्ट रेगुलेटर का कहना है कि टिकटॉक पर बच्चों के लिए खतरनाक और आपत्तिजनक कंटेट डाला जा रहा है।
टिकटॉक पर लगा डेटा चोरी का इल्जाम
बता दें कि टिक टॉक चाइना का ऐप है। इस ऐप को चीनी कंपनी ByteDance ने डेवल्प किया है। अमेरिका को डर है कि ये डाटा को चोरी करता है। अमेरिका संसद का आरोप है कि टिकटॉक ऐप को चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी चलाती है। जो अमेरिका के लोगों के डेटा को चोरी कर सकती है। संसद में टिकटॉक बैन करने के प्रस्ताव को पारित भी किया गया है। जो अमेरिकी संसद में बहुमत से पास हो गया है। अब अमेरिका में कभी भी टिक टॉक पर बैन लग सकता है।
भारत में पहले से ही है बैन
टिक टॉक के सबसे ज्यादा यूजर्स भारत में ही थे। भारत में इसका मार्केट बाकी देशों की तुलना में ज्यादा था। एक समय ये दुनिया का सबसे पापुलर ऐप बन गया था। लेकिन भारतीय एजेसियों ने इस ऐप को भारत के लिए खतरा बताया। एजेसियों ने इस ऐप को भारत में बंद करने की मांग की। उनको डर था कि ये भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। भारत सरकार ने उनकी बात मानते हुए इस ऐप को साल 2020 में भारत में बैन कर दिया था।